नयी दिल्ली/ सलोन : मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर जहां एनडीए खुशी मना रही है वहीं कांग्रेस सरकार की विफलताएं गिनाने में व्यस्त हैं. कांग्रेस ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मोदी सरकार पर हमला किया जिसका जवाब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिया. गडकरी ने कहा कि कांग्रेस देश में अपना आधार खो रही है. उनके पास परिपक्व नेताओं की कमी है. कांग्रेस की फिलोस्पी अब हम तो डूबेंगे सनम,तुमको भी ले डूबेंगे वाली है.
इधर, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज नेहरु-गांधी परिवार पर जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से गत लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की जीत का अन्तर 80 फीसद तक कम हो गया. स्मृति ने अमेठी लोकसभा क्षेत्र में आने वाले सलोन स्थित बस अड्डे के विश्रामालय का उद्घाटन करने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि कांग्रेस जो काम 60 साल में नहीं कर पायी वह केंद्र की मौजूदा नरेन्द्र मोदी सरकार ने दो साल में पूरा कर दिया। कार्यकर्ता वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के लिये तैयार रहें.
केंद्रीय मंत्री ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने जनता से किया कोई भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘इसी वजह से मैंने पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की जीत 80 प्रतिशत कम कर दी है.” स्मृति ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश करते हुए कहा ‘‘कांग्रेस कार्यकर्ताओं में असन्तोष व्याप्त है. उनसे सामान्य व्यवहार नहीं हो रहा है. परिवार की राजनीति से अमेठी का क्या भला होगा.” यह पूछे जाने पर कि क्या वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री पद की दावेदार होंगी, उन्होंने कहा, ‘‘हम पार्टी के कार्यकर्ता हैं और पार्टी जो भी निर्णय लेगी, उस पर अमल करेंगे.
आगामी लोकसभा चुनाव में फिर से अमेठी से ही चुनाव लडने की सम्भावना पर स्मृति ने कहा कि इस पर भी पार्टी का जो निर्णय होगा, वह मान्य होगा. लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी अमेठी को लेकर पूरी तरह सक्रिय होने की वजह के बारे में पूछने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”मैं जब अमेठी में चुनाव लडने आयी थी तब केवल स्मृति ईरानी बन कर आयी थी, लेकिन यहां के लोगों के प्यार ने हमें दीदी बना दिया इसलिये यहां से हमारा लगाव बढ गया है. यहां के विकास के लिये हम काम करते रहेंगे।” स्मृति ने एक अन्य सवाल पर कहा कि भारत माता की जय बोलना हर भारतीय का जन्मसिद्घ अधिकार है लेकिन इसे किसी पर थोपा नहीं जा रहा है.