बालेश्वर (ओडिशा) : भारत ने आज परमाणु क्षमता संपन्न और स्वदेश में विकसित ‘पृथ्वी दो’ मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया. मिसाइल का प्रक्षेपण ओडिशा में चांदीपुर परीक्षण रेंज से किया गया और यह सेना के उपयोग के लिहाज से प्रायोगिक परीक्षण था. सतह से सतह पर मार करने में सक्षम इस मिसाइल का परीक्षण यहां एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) पर प्रक्षेपण परिसर 3 से सुबह करीब नौ बजकर 40 मिनट पर किया गया.
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पृथ्वी 2 के लगातार दो परीक्षण करने की योजना थी. लेकिन पहले सफल परीक्षण के बाद दूसरे परीक्षण के विचार को तकनीकी समस्याओं के चलते छोड दिया गया. इसी स्थल से 12 अक्तूबर 2009 को दो परीक्षण किये गये थे तथा दोनों सफल रहे थे. 350 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली पृथ्वी 2 मिसाइल 500 से एक हजार किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम है और इसमें लिक्विड प्रोपल्शन ट्विन इंजन लगे हैं.
सूत्रों ने बताया, ‘मिसाइल के प्रक्षेपण पर डीआरडीओ राडार, इलैक्ट्रो आप्टिकल ट्रेकिंग सिस्टम से निगरानी की गयी.’ बंगाल की खाडी में इसके प्रभाव स्थल पर एक पोत पर तैनात टीम ने नीचे आने के इसके पूरे सफर का परीक्षण किया. भारतीय सशस्त्र बल में वर्ष 2003 में शामिल की गयी नौ मीटर लंबी पृथ्वी 2 मिसाइल पहली ऐसी मिसाइल है जिसे डीआरडीओ ने भारत के प्रतिष्ठित आईजीएमडीपी (इंटीग्रेटिड गाइडिड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम) के तहत विकसित किया गया है.
सूत्रों ने बताया कि इस प्रकार के परीक्षण स्पष्ट रूप से इस बात का संकेत हैं कि भारत किसी भी आपात स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार है. पृथ्वी 2 का पिछला उपयोगी परीक्षण 16 फरवरी 2016 को इसी रेंज से किया गया था.