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सांसदों ने केजरी के सम-विषम फार्मूले से मांगी छूट, मोदी सरकार बोली – देखते हैं

नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सम विषम योजना पर आज लोकसभा में करारा प्रहार करते हुए राजद से निष्कासित सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि यह एक ऐसी योजना है जो भ्रष्टाचार को बढावा देने, आम लोगों, गृहणियों और स्कूली बच्चों को परेशान करने वाली है. शून्यकाल […]

नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सम विषम योजना पर आज लोकसभा में करारा प्रहार करते हुए राजद से निष्कासित सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि यह एक ऐसी योजना है जो भ्रष्टाचार को बढावा देने, आम लोगों, गृहणियों और स्कूली बच्चों को परेशान करने वाली है. शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए राजेश रंजन ने कहा कि इस सम-विषम योजना से केवल सीएनजी कपंनियों और कार एवं बस निर्माता कंपनियों को फायदा होगा और प्रदूषण रोकने में इससे कोई मदद नहीं मिलने वाला है.राज्यसभा में कांग्रेस के अानंद शर्मा व जदयू के केसी त्यागी ने ऑड-इवन फार्मूले से सांसदों को छूट देने की मांग की.वहीं, सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि इस संबंध में संबंधित ऑथिरिटी से सलाह ली जायेगी, ताकि सांसदों के कर्तव्य निर्वहन में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचे.

उन्होंने आईआईटी के एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि छोटे वाहनों का कुल प्रदूषण में केवल 5 प्रतिशत हिस्सा है और 95 प्रतिशत प्रदूषण के कारकों पर चर्चा करने की बजाए एक छोटे से हिस्से पर बवंडर खडा किया जा रहा है. राजेश रंजन ने कहा, ‘‘ केजरीवाल ने यह योजना केवल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा है. ‘
उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम लोगों ने वोट देकर सरकार बनाई और यह मध्यम वर्ग के लोगों, गृहणियों, स्कूली बच्चों को परेशान करने का काम कर रही है. यह ऐसी पहल है जो भ्रष्टाचार को बढावा देने वाली है. इस मामले की जांच की जानी चाहिए कि इससे सीएनजी और कार कंपनियों को किस तरह से फायदा पहुंचाया जा रहा है. आप सदस्य भगवंत मान ने इसका विरोध किया. संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में कुछ सदस्यों ने स्पीकर से इस विषय पर राहत मांगी थी और कहा था कि कुछ सदस्यों को इससे असुविधा होती है.
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संसद सत्र की शुरुआत के साथ ही सांसदों से अपील करते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सांसद भी सम-विषय योजना का समर्थन करेंगे और नियम का पालन करेंगे. दिल्ली सरकार ने सासंदों के लिए एक स्पेशल बस का भी परिचालन शुरू किया. कई सांसदों ने बस का इस्तेमाल किया तो कई ने नियमों को ताक में रखकर विषम गाड़ियों के नंबर से संसद पहुंचे. सांसद परेश रावल भी नियम तोड़ने वालों में एक थे, हालांकि इसके लिए उन्होंने दिल्ली सरकार से माफी मांगी और जुर्माना भी भर दिया. सम-विषम से राहत की मांग राज्यसभा में भी उठी. सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि इससे सांसदों को परेशानी हो रही है.

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