नयी दिल्ली : जेएनयू विवाद को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद राजनीति तेज हो गयी है. सीपीएम सहित सभी विपक्षी पार्टी के नेताओं ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से हाफिज सईद वाले बयान पर सबूत मांगा है.
दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज दावा किया कि जेएनयू विवाद को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का समर्थन प्राप्त था और देश को यह बात समझनी चाहिए. उन्होंने राजनीतिक पार्टियों से यह भी कहा कि वह ऐसे प्रदर्शनों को राजनीतिक नफे-नुकसान के चश्मे से न देखें.
राजनाथ ने कहा, ‘‘जेएनयू की घटना को हाफिज सईद का समर्थन मिला है. यह ऐसा सच है जिसे देश को समझना चाहिए. जो कुछ हुआ है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’ गृह मंत्री ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘ऐसा कुछ नहीं किया जाना चाहिए जिससे देश की संप्रभुता और अखंडता पर सवालिया निशान लगे. ऐसे मौकों पर पूरे देश को एक सुर में बोलना चाहिए. मैं सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करुंगा कि वे ऐसे मामलों को राजनीतिक नफे-नुकसान के चश्मे से न देखें.’
राजनाथ सिंह के इस दावे के बाद सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा, अगर जेएनयू में छात्रों के प्रदर्शन में ऐसा कुछ है तो गृह मंत्री उसका सबूत दें. उन्होंने कहा, राजनाथ सिंह देश के गृह मंत्री हैं उनके पास अपने दावे के सबूत होने चाहिए. येचुरी ने पठानकोट मामले पर राजनाथ सिंह के ट्वीट की चर्चा करते हुए कहा कि गृहमंत्री अपने बयान से कब पलट जाएंगे उसका कोई ठिकाना नहीं है.
इधर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह का सलाहकार कौन है जो उन्हें ठीक से स्थिति के बारे में अवगत नहीं करा रहा है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी राजनाथ सिंह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, जेएनयू के छात्रों पर गृह मंत्री द्वारा लगाया गया आरोप गंभीर है. गृह मंत्री को इससे जुड़े सबूत साझा करना चाहिए.