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बीड़ी किंग मो. निशाम को उम्रकैद, 71 लाख का जुर्माना

त्रिशूर : बीड़ी किंग के नाम से मशहूर बीड़ी व्‍यवसायी मोहम्‍मद निशाम को आज केरल की अदालत ने आपने ही गार्ड की हत्‍या के मामले आज उम्रकैद की सजा सुनायी है साथ ही उसपर 71 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. ‘बीड़ी किंग’ कहे जाने वाले मोहम्मद निशाम ने 51 साल के गार्ड चंद्रबोस […]

त्रिशूर : बीड़ी किंग के नाम से मशहूर बीड़ी व्‍यवसायी मोहम्‍मद निशाम को आज केरल की अदालत ने आपने ही गार्ड की हत्‍या के मामले आज उम्रकैद की सजा सुनायी है साथ ही उसपर 71 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. ‘बीड़ी किंग’ कहे जाने वाले मोहम्मद निशाम ने 51 साल के गार्ड चंद्रबोस पर अपनी SUV चढ़ा दी थी. उसे वह करीब 700 मीटर तक अपनी कार से घसीटते हुए ले गया था और दीवार से कुचल दिया था. चंद्रबोस को दीवार से सटाकर दबाते हुए वह चिल्लाया था- यह कुत्ता मरेगा नहीं. एक जज ने यह बात आज एक कोर्ट में कही.

39 साल के निशाम ने कोर्ट में कहा कि वह ‘बाइपोलर डिसऑर्डर’ से ग्रस्त है और इसलिए उसे सजा देने में उदारता बरती जाए. विशेष अभियोजक सीपी उदयभानु ने तर्क दिया था कि कारोबारी को मौत की सजा मिलनी चाहिए क्योंकि वह समाज के लिए खतरा बन चुका है. निशाम को सजा सुनाये जाने के बाद चंद्रबोस के परिवार के लोगों ने कहा कि अब न्‍याया मिला है. चंद्रबोस के परिवार ने बीड़ी किंग पर पांच करोड़ का दावा भी किया था.

निशाम को पिछले साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने अपने चार्जसीट कहा था कि निशाम ने वारदात के वक्त शराब पी हुई थी और वह चंद्रबोस द्वारा गेट खोलने में चंद सेंकेंड की देरी के चलते काफी गुस्से में था. इस घटना के तीन हफ्ते बाद चंद्रबोस की हॉस्पिटल में मौत हो गयी थी. निशाम पहले भी विवादों में रहा है. अपने पांच साल के बच्‍चे से फेरारी कार ड्रावर करवाते हुए उसके एक वीडियो सोशल साइट पर अपलोड किया था.

इतना ही नहीं एक बार किसी मामले पर एक महिला पुलिसकर्मी को उसने अपनी कार में बंद कर दिया था. हालांकि इन घटनाओं में आरोपी ने अदालत से बाहर ही मामले को सेटल कर लिया था. जेल में रहने के क्रम में भी निशाम को वीआईपी ट्रिटमेंट देने के आरोप में पांच जेलकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था. अदालत ने बीड़ी व्यवसायी मोहम्मद निशाम को बुधवार को अपराध में दोषी ठहराया था.

मामला पिछले साल 29 जनवरी का है जब एक आलीशान आवासीय कांप्लेक्स का दरवाजा खोलने में देरी करने पर निशाम ने गार्ड को गाडी से कुचल दिया था. अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने निशाम को भादंसं की धारा 302 (हत्या), 326 (जानबूझकर घातक हथियार से नुकसान पहुंचाने) और 427 (शरारत करने) समेत विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया. सरकारी अभियोजक सीपी उदयभानु ने दोषी को अधिकतम सजा (मृत्युदंड) और गार्ड चंद्रबोस के परिजन को पांच करोड रुपये की मुआवजा राशि देने की मांग की. पुलिस के आरोप पत्र में निशाम के खिलाफ हत्या समेत अन्य आरोपों को साबित करने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद थे.

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