नयी दिल्ली : आरएसएस से संबंधित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण इस विषय पर सभी समुदायों को विश्वास में लेने के बाद ही किया जायेगा. भगवान राम को भारतीयता का प्रतीक बताते हुए मंच के संरक्षक एवं आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुसलमानों को इस सचाई से अवगत कराने का प्रयास किया जा रहा है कि भागवान राम हिन्दुओं की आस्था के केंद्र में है जबकि मुगल बादशाह बाबर का उनके लिए (मुसलमानों) वह स्थान नहीं हो सकता है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण केवल तभी होगा जब हम एक दूसरे को विश्वास में लेंगे. इस बारे में मुसलमानों एवं अन्य समुदायों के बीच बातचीत की जरुरत है.अफजल ने कहा कि बहुसंख्य हिन्दुओं में भगवान राम आस्था के केंद्र हैं लेकिन बाबर मुसलमानों की मुख्य आस्था नहीं है. वह आक्रमणकारी था. मंच ऐसे कार्य कर रहा है ताकि अल्पसंख्यकों को इस सचाई से अवगत कराया जा सके.
उन्होंने यह दावा किया कि मंच से जुडे अधिकांश उलेमाओं का मत है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए. उन्होंने इस बात से इंकार किया कि देश में कही भी असहिष्णुता है.