नयी दिल्ली : डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार मामले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में कहा कि घोटाले के आरोप बेबुनियाद हैं. 114 करोड़ में स्टेडियम बना है जिसकी क्षमता 42 हजार की है. खर्चे पर कभी काई विवाद नहीं रहा है.जेटली ने विपक्षी सांसदों पर पलटवार करते हुए कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम का जीर्णोद्धार 900 करोड़ रुपये में किया गया था.इधर, भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाते हुए जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है.कीर्ति आजाद ने जेटली की तरफ इशारा करते हुए कहा 2008 से 2013 तक प्रेसिडेंट तो वही थे.इसके पहलेडीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद साढे 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
वहीं, इस मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग कर रहे कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण आज राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुयी और दो बार के स्थगन के बाद बैठक को दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. हालांकि सरकार ने वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग को साफ खारिज कर दिया तथा जेटली ने कहा कि वह सारे आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं. अरुण जेटली 2013 तक दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन :डीडीसीए: के प्रमुख थे. सुबह बैठक शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग की और उनके खिलाफ नारेबाजी की. इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने साफ कहा कि गलत आरोपों पर कोई इस्तीफा नहीं होगा.
आज सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने के वी थामस, के सी वेणुगोपाल, पी वेणुगोपाल, सुष्मिता देव समेत कुछ अन्य सदस्यों के कार्यस्थगल के नोटिस को अस्वीकार कर दिया और उनसे अन्य अवसरों पर इन्हें उठाने को कहा. कांग्रेस के सदस्य कुछ कहना चाहते थे और पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अध्यक्ष से नोटिस पर विचार करने का आग्रह किया. क्षुब्ध नजर आ रही सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘ आज मैं आपमें से किसी को बोलने से नहीं रोकूंगी. आप जो बोलना चाहते हैं बोलें.’ इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि सदन को हर दिन बाधित नहीं किया जा सकता, प्रश्नकाल चलने की अनुमति दी जानी चाहिए. अध्यक्ष ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी बात रखने के लिए कहा। लेकिन वह कुछ बोल नहीं सके और पीछे बैठे सदस्य से कागजात मांगते देखे गए.
इसके बाद वह सदन से बाहर गए और के सुरेश के साथ कुछ कागजात लेकर वापस लौटे। और फिर बात रखने की अनुमति देने की मांग करने लगे. लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि अब प्रश्नकाल शुरु हो गया है, इसलिए आप अपनी बात शून्यकाल में रखें. सदन में उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे लेकिन सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खडगे उपस्थित नहीं थे. सोनिया गांधी को ज्योतिरादित्य सिंधिया और के सुरेश से कुछ पूछते देखा गया.
इसके बाद कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे ‘जेटली इस्तीफा दो’, हिटलरशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगा रहे थे. कांग्र्रेस सदस्यों के हंगामे के बाद अध्यक्ष ने 11 बजकर 10 मिनट पर यह कहते हुए कार्यवाही साढे 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी कि शोर शराबा कर रहे सदस्य कार्यवाही चलाना ही नहीं चाहते हैं.