मुंबई/नयी दिल्ली : हिंदू महासभा और महराणा प्रताप बटालियन जैसे संगठनों के द्वारा नाथूराम गोडसे की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के तौर पर मनाने पर सियासत तेज हो गयी है. राजनीतिक दल पूछ रहे हैं कि महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमामंडन क्यों किया जा रहा है. वहीं, संघ और भाजपा ने इससे खुद को अलग कर लिया है. संघ के नेता एमजी वैद्य ने साफ कर दिया है कि हत्यारा हत्यारा होता है. गोडसे महात्मा गांधी का हत्यारा था और हत्यारा रहेगा.
गांधी जैसे महात्मा की हत्या को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है. इसलिए गोडसे का महिमामंडन करना उचित नहीं है. गोडसे को 15 नवंबर को फांसी दी गयी थी व उस दिन को हिंदू महासभा ने बलिदान दिवस मनाने का एलान किया था. इसका कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया. कांग्रेस ने मुंबई में प्रदर्शन किया, तो जदयू और एनसीपी ने गोडसे की फांसी को बलिदान दिवस के रूप में मनाने का विरोध किया.
गोडसे पर वेबसाइट लांच
इधर, हिंदू महासभा ने गोडसे का बलिदान दिवस मनाते हुए एक वेबसाइट भी लांच की. इसमें गोडसे को भुला दिया गया असली हीरो बताया गया है. कहा गया है कि यह साइट लांच की गयी, ताकि लोगों को गोडसे की अच्छाइयों के बारे में बताया जा सके.
कांग्रेस की ओछी राजनीति
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि कांग्रेस ओछी राजनीति पर उतर आयी है. जो घटिया पोस्टर नेहरू और मोदी की तुलना करते हुए लगाये गये हैं, वह मोदी ही नहीं, नेहरू का भी अपमान है. भाजपा गोडसे को हत्यारा मानती है. ज्ञात हो कि कांग्रेस की छात्र शाखा एनसएसयूआइ ने एक पोस्टर लगाया है, जिसमें नेहरू और मोदी की तसवीरें लगी हैं. इस पर लिखा गया है, कहां राजा भोज, कहां गंगू. इसमें नेहरू को ‘राजा भोज’ और मोदी को ‘गंगू’ बताया गया है.