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आरएसएस के दरबार में मंत्रियों के बाद पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश, एजेंडा तय

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक की तीन दिवसीय समन्वय बैठक के आखिरी दिन उसमें शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे हैं. इस बैठक की समाप्ति के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत का संबोधन होने वाला है. तीन दिवसीय बैठक को लेकर संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले ने मीडिया से बात कर तीन […]

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक की तीन दिवसीय समन्वय बैठक के आखिरी दिन उसमें शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे हैं. इस बैठक की समाप्ति के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत का संबोधन होने वाला है. तीन दिवसीय बैठक को लेकर संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले ने मीडिया से बात कर तीन दिनों तक चले विचार मंथन का सार रखा. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा अदालत में विचाराधीन है और मोदी सरकार उसके हिसाब से कदम उठायेगी. संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए एक सवाल के जवाब में कांग्रेस का नाम लिये बिना कहा कि उन्होंने खुद रिमोट से सरकार चलायी है और उन्हें यह नैतिक हक नहीं है कि वह हम पर यह आरोप लगायें कि हम रिमोट से सरकार चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि संघ सरकार नहीं चलाता, हां संघ के लोग जहां काम करते हैं, उनसे बात जरूर करता है और हमारे विचार के लोग सरकार में हैं, तो हम उनसे भी बात कर रहे हैं.

इस बैठक में हर अहम मंत्री ने पहुंच कर अपने विभाग के कार्यक्रमों, प्रयासों व योजनाओं से संघ नेताओं को अवगत कराया है. साथ ही उन्हें संघ से आवश्यक निर्देश भी मिले हैं.संघ-भाजपा की यह बैठक बिहार चुनाव के मद्देनजर भी अहम मानी जा रही है. समझा जाता है कि इस बैठक में संघ से मिले जमीनी फिडबैक के आधार पर भाजपा चुनावी रणनीति तय करेगी.

गोपनीयता का उल्लंघन नहीं अपने लोगों से चर्चा
हसबोले ने सरकार के शीर्ष मंत्रियों के बैठक में शामिल होने से गोपनीयता के उल्लंघन के आरोपों को भी खारिज किया. उन्होंने कहा कि हम भी भारत के नागरिक हैं और हमें जानने का हक हैं. सरकार के मंत्रियों ने हमें उतना ही बताया जितना वे किसी कार्यक्रम में जैसे फिक्की, सीआइए या प्रेस कान्फ्रेंस में बताते हैं.
दत्तात्रेय हसबोले ने कहा कि आरएसएस सत्ता की महत्व को समझता है और संघ के करीबी लोग जब सत्ता संभाल रहे हैं, स्वभाविक है विचारों का आदान-प्रदान हो. उन्होंने कहा कि हमने आंतरिक सुरक्षा, बाहरी सुरक्षा, एकता जैसे मुद्दों पर चर्चा की है. संघ नेता ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद, माओवाद जैसे मुद्दों पर तीन दिनों के सत्र मंे बात हुई. उन्होंने बताया कि हमने सभी संगठनों प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया था.
राम मंदिर व धार्मिक जनगणना
राम मंदिर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह संघ का काम नहीं है, लेकिन धर्माचार्यों व धर्म संसद की बात को पहुंचाना हमारा काम है. उन्होंने कहा कि प्रवीण तोगडिया ने प्रस्ताव रखा है, जिस पर चर्चा करने की जरूरत है.
दत्तात्रेय हसबोले ने कहा कि धार्मिक जनगणना पर थोडी चर्चा हुई है, लेकिन हमने अभी उसका अध्ययन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि हम इसमें अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल में चर्चा करेंगे.

गांव में स्वाभिमानी जीवन की परिकल्पना
संघ नेता ने कहा कि लोग आज गांव छोड रहे हैं. वे कमाई, पढाई और दवाई के लिए गांव छोड रहे हैं और शहर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुखी ग्रामीण जीवन का क्या आर्थिक मॉडल हो, इस विषय पर भी हमने मंत्रियों से विचार किया है. हसबोले ने कहा कि गांव में गरीब ग्रामीण कैसे सुखी व स्वाभिमानी जीवन जियें इस पर हमने विचार किया है.
पाकिस्तान व बांग्लादेश हमारे भाई
संघ नेता ने कहा कि हमने पडोसी देशों से संबंधों पर भी वार्ता की है. उन्होंने कहा कि सार्क के सभी देशों के साथ भारत का आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध कैसे मजबूत हो, इस पर विचार किया गया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान व बांग्लादेश भारत से ही अलग हो कर कुछ दशक पहले बने हैं. वे अपने भाई हैं. उस दृष्टि से कैसे हमारा संबंध उनसे मजबूत हो, इस पर भी हमने चर्चा की.
पश्चिमी आर्थिक मॉडल से मोह भंग व शिक्षा का भारतीयकरण
दत्तात्रेय हसबोले ने कहा कि आज पश्चिमी विकास का मॉडल ध्वस्त हो गया है. ऐसे में कैसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में युगानुकूल आर्थिक मॉडल अपनायें, जो अपने अस्तित्व को बनाये रखे.
दत्तात्रेय हसबोले ने कहा कि शिक्षा का बजारीकरण हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमने इस बात पर विचार किया कि हर क्षेत्र के लोगों को कैसे समुचित शिक्षा मिल सके. उन्होंने शिक्षा के भारतीय करण पर भी जोर दिया.

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