नयी दिल्ली : बिहार को लेकर लडाई तेज हो गयी है जहां आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘डीएनए’ संबन्धी टिप्पणी को ‘बिहार की जनता का अपमान’ बताया, वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री को सलाह दी कि अपने अहंकार से राज्य की पहचान को नहीं जोडें.
बिहार की चुनावी लडाई में ‘बिहारी गौरव’ का विषय प्रमुख रुप से प्रभावी होने का संकेत देते हुए नीतीश ने मोदी को एक ‘खुला पत्र’ लिखा है और कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियां उनके पद के लिहाज से शोभा नहीं देतीं. नीतीश ने मोदी को लिखे अपने खुले पत्र को फेसबुक और ट्विटर पर जारी किया.
अपने राजनीतिक कॅरियर की सबसे कठिन राजनीतिक लडाई का सामना कर रहे नीतीश ने पत्र में कहा, आपके शब्दों को राज्य और उससे बाहर जनता के एक बडे तबके ने अपमान के रुप में लिया है. हममें से अधिकतर को लगता है कि आपकी ओर से इस तरह के शब्द आना उस पद की गरिमा के अनुकूल नहीं हैं जिस पर आप बैठे हैं.
उन्होंने कहा, हममें से अधिकतर को लगता है कि ये बयान मेरे अपने वंश से परे जाकर सवाल खडा करते हैं. इन्होंने हमारे लोगों के वंशों का अपमान किया है और राज्य की महान विरासत की अवमानना की है. बयान को वापस लेने की मांग करते हुए नीतीश ने कहा, मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ऐसा करने से लोगों की आहत भावनाओं को राहत मिलेगी जिससे आपके प्रति न सिर्फ सम्मान बढेगा, बल्कि उनकी नजरों में आपका पद और भी उंचा हो जाएगा. प्रधानमंत्री ने अभी तक नीतीश के पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नीतीश को सलाह दी कि अपने अहंकार को बिहार की महान पहचान से नहीं जोडें.