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संसद में जारी गतिरोध दूर करने के लिए कल बुलाई गई सर्वदलीय बैठक

नयी दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में बीते दो सप्ताह से जारी गतिरोध दूर करने के प्रयास में सरकार ने कल एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. भाजपा नीत गठबंधन विपक्ष तक पहुंचना चाह रहा है वहीं ललित मोदी और व्यापमं विवादों को लेकर सरकार पर कांग्रेस के हमलों में कोई कमी नहीं आई है. […]

नयी दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में बीते दो सप्ताह से जारी गतिरोध दूर करने के प्रयास में सरकार ने कल एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. भाजपा नीत गठबंधन विपक्ष तक पहुंचना चाह रहा है वहीं ललित मोदी और व्यापमं विवादों को लेकर सरकार पर कांग्रेस के हमलों में कोई कमी नहीं आई है. कल कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में भी रणनीति को नई धार दिए जाने की संभावना है. इस बैठक को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संबोधित करेंगी.

कांग्रेस संसदीय दल की सामान्य इकाई की बैठक सर्वदलीय बैठक से पहले ऐसे समय पर हो रही है जब सरकार और भाजपा सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग स्वीकार करने के कोई संकेत नहीं दे रही हैं. कांग्रेस और वाम सहित विपक्षी दल जहां ‘‘इस्तीफा नहीं, तब तक कोई चर्चा नहीं’’ पर अडे हुए हैं वहीं भाजपा नेता और मंत्री लगातार यह कह रहे हैं कि कोई इस्तीफा नहीं होगा और सरकार विपक्ष को ‘उपकृत’ करने नहीं जा रही है.

सरकार ने संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के जवाब की पेशकश की थी और वह ललित मोदी विवाद पर चर्चा के लिए तैयार भी है. लेकिन व्यापमं घोटाले को उसने राज्य का मुद्दा बता दिया है. विपक्ष अपनी मांग पर अडा है और सरकार उस पर चर्चा से भागने का आरोप लगा रही है.

मुख्य विपक्षी दल की मांग है कि सुषमा और राजस्थान की मुख्यमंत्री राजे ललित मोदी विवाद में कथित भूमिका के लिए और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व्यापमं घोटाले को लेकर इस्तीफा दें. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने स्पष्ट किया है कि सर्वदलीय बैठक इस पर आधारित होनी चाहिए कि स्वराज, राजे और चौहान के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है.

आजाद ने कहा ‘‘विचारविमर्श के लिए एजेंडा में यह (तीनों भाजपा नेताओं पर कार्रवाई) होना चाहिए.’’ कांग्रेस ने भी स्पष्ट कर दिया है कि संसद में जारी गतिरोध दूर करने के लिए सर्वदलीय बैठक में उसकी भागीदारी विपक्ष की मांग पर प्रधानमंत्री के ‘वास्तविक’ प्रस्ताव पर निर्भर करती है. समझा जाता है कि कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष इन मुद्दों पर ज्यादा स्पष्ट तरीके से पार्टी का रुख रखेंगी और किसानों के मुद्दों पर भी सरकार पर प्रहार करेंगी.

संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस संसदीय दल की जनरल बॉडी की यह पहली बैठक होगी. इस सत्र में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को जोरशोर से उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की है. माकपा ने भी भाजपा नीत सरकार को संसद की कार्यवाही बाधित करने का जिम्मेदार ठहराया है और उस पर जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया है.

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