नयी दिल्ली : 1993 के मुम्बई श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन द्वारा अंतिम समय में किये गये प्रयासों का घटनाक्रम. याकूब मेमन को आज सुबह फांसी दे दी गई.
पूर्वाह्न 11 बजे (29 जुलाई) : याकूब मेमन द्वारा लिखी गई 14 पृष्ठीय दया याचिका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में दायर की गई.
अपराह्न चार बजे (29 जुलाई) : राष्ट्रपति ने आवश्यक कार्रवाई के लिए याचिका गृह मंत्रालय को भेजी.
रात 8:30 बजे (29 जुलाई) : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रपति भवन पहुंचे और मेमन की दया याचिका खारिज करने का सरकार का निर्णय उन्हें बताया.
रात 9:15 बजे (29 जुलाई) : केंद्रीय गृह सचिव एल सी गोयल और सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार राष्ट्रपति भवन पहुंचे.
रात 10:45 बजे (29 जुलाई) : राष्ट्रपति ने मेमन की दया याचिका खारिज की.
रात 10:45 बजे (29 जुलाई) : जाने माने वकील प्रशांत भूषण और आनंद ग्रोवर डेथ वारंट पर रोक लगाने संबंधी ताजा याचिका लेकर प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू के आवास पहुंचे.
रात 11:30 बजे (29 जुलाई) : अन्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दत्तू के आवास पर पहुंचे.
देर रात 01:00 बजे (30 जुलाई) : उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश दीपक मिश्रा के आवास पर गतिविधियां शुरू हुईं.
देर रात 01:30 बजे (30 जुलाई) : वकील न्यायमूर्ति मिश्रा के आवास पहुंचे.
देर रात 01:35 बजे (30 जुलाई) : न्यायमूर्ति मिश्रा, न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत और न्यायमूर्ति अमिताभ राय ने देर रात ढाई बजे उच्चतम न्यायालय में मिलने पर सहमति जताई.
देर रात 02:10 बजे (30 जुलाई) : नागपुर केंद्रीय कारागार में एक कांस्टेबल ने नागपुर के एक होटल में मेमन के भाई को एक पत्र सौंपा.
देर रात 02:30 बजे (30 जुलाई) : न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय पहुंचे. अटॉर्नी जनरल मुकुल रहतोगी के पहुंचने में देरी होने से सुनवाई टली.
देर रात 03:20 बजे (30 जुलाई) : पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई शुरू.
तडके 04:50 बजे (30 जुलाई) : न्यायालय ने याचिका खारिज की.