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व्यापमं घोटाले को लेकर मप्र विधानसभा परिसर में कांग्रेस-भाजपा के विधायकों के बीच हाथापाई

भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा परिसर में बहुचर्चित व्यापमं घोटाले को लेकर आज विपक्षी कांग्रेसी विधायकों और सत्तारुढ भाजपा के विधायकों के बीच हाथापाई हो गयी. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने सदन में व्यापमं मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेसी विधायकों द्वारा किए गये हंगामे के बाद कार्यवाही […]

भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा परिसर में बहुचर्चित व्यापमं घोटाले को लेकर आज विपक्षी कांग्रेसी विधायकों और सत्तारुढ भाजपा के विधायकों के बीच हाथापाई हो गयी. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने सदन में व्यापमं मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेसी विधायकों द्वारा किए गये हंगामे के बाद कार्यवाही कल तक के लिये स्थगित कर दी थी.

इसके बाद सदन के मुख्य द्वार के बाहर कांग्रेस के विधायक सुंदरलाल तिवारी व अन्य विधायक मीडिया से बातचीत कर रहे थे कि तभी भाजपा के विधायक सुदर्शन गुप्ता, रामेश्वर शर्मा और मनोज पटेल व अन्य विधायक ‘कांग्रेस की गुंडागर्दी नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए वहां आ गये. इसके बाद दोनों पक्षों में हाथापाई होने लगी जिसके कारण कांग्रेस के विधायक रजनीश ठाकुर और मधु भगत सहित कुछ मीडिया के लोग गिर पडे.

हाथापाई की घटना के बाद तिवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों की यह हरकत व्यापमं मामले में कांग्रेस के विधायकों की आवाज दबाने का प्रयास है. उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा, ‘हम इन बातों से डरने वाले नहीं हैं. भाजपा जिस तरह चाहे लडाई का मैदान तय कर लें, हम जवाब देने के लिये तैयार हैं.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा विधायकों ने मुझे पीछे से पकड कर घसीटा और धमकी दी कि तुम व्यापमं पर बहुत आवाज उठाते हो और हम तुम्हें देख लेगें.’

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा विधायकों द्वारा मुझे भी धक्का दिया गया. हम भाजपा विधायकों की इस हरकत की घोर निंदा करते हैं और उनका यह कृत्य हमारी आवाज दबाने का एक प्रयास है. सत्तारुढ दल के विधायकों का यह व्यवहार निंदनीय है और हम इस मामले की शिकायत लिखित में विधानसभा अध्यक्ष से करेंगे.’

करोड़ों रुपये के इस घोटाले में कई जाने-माने पेशेवर, राजनीतिज्ञ और नौकरशाह आरोपी हैं. यह घोटाला मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से संबंधित है जिसके तहत प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) दाखिले और शिक्षक, चिकित्सा अधिकारी, सिपाही और वनरक्षक जैसे विभिन्न पदों के लिए परीक्षाएं ली जाती हैं.

उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआइ गत सोमवार से व्यापमं घोटाले की जांच कर रही है. सीबीआइ ने अब तक इस घोटाले में एक दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज की है. इससे पहले इस मामले की जांच कर रही मध्यप्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने 55 एफआइआर दर्ज की थी तथा इसमें 28 आरोपपत्र न्यायालय में पेश किये थे.

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