वाशिंगटन: अमेरिका ने मोदी सरकार के ‘कारोबार समर्थक सुधारों’ का समर्थन किया है लेकिन इसके साथ ही गैर सरकारी संगठनों के समक्ष आ रही कठिनाइयों पर चिंता जताई है. विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा आम तौर पर हम समर्थन करते हैं. मैं कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के कारोबार समर्थक सुधारों सहित भ्रष्टाचार से लडने के लिए उनकी प्रतिबद्धता के साथ ही उनके सार्वजनिक बयानों, कारोबार करने में सहूलियत संबंधी विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत की स्थिति बेहतर होना- ये सभी ऐसी कवायद हैं जिसके क्रियान्वयन में समय लगता है.’’
टोनर ने कल कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने जो घोषणाएं की है हम ऐसे कुछ सुधारों से काफी उत्साहित हैं. हम देखेंगे कि इसका किस तरह क्रियान्वयन होता है.’’उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई एक दिन में खत्म नहीं होने वाली.टोनर ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह ऐसी चीजें नहीं है जो कि एक रात में हो जाए. भ्रष्टाचार चिंता का विषय रहा है. इसलिए, किसी भी सरकार को इसका निदान करना चाहिए.’’
टोनर ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर निजी कंपनियां चाहे वे अमेरिका की हों या दूसरे देशों की, जब कहीं भी वो निवेश करना चाहती हैं तो निवेश के लिए हालात देखती हैं और निस्संदेह भ्रष्टाचार राय बनाने और आकलन करने में मदद करता है. इसलिए, भ्रष्टाचार ठीक नहीं है और हम भारत सहित सभी सरकारों को इसका समाधान करने के लिए उत्साहित करते हैं.’’लेकिन उन्होंने कहा कि विदेशी चंदा नियमन कानून को जैसे लागू किया गया है उससे सिविल सोसाइटी संगठनों, एनजीओ को होने वाली कठिनाइयों को लेकर अमेरिका चिंतित है.