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व्यापमं घोटाला : 24 घंटे में दो आरोपियों की मौत

भोपाल : मध्यप्रदेश के करोडों रुपये के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में पिछले 24 घंटों में दो आरोपियों की ग्वालियर और इन्दौर में मौत हो गयी. इसमें इंदौर के आरोपी की मौत संदिग्ध है. इस फर्जीवाडे के 24 आरोपियों की अब तक असामयिक मौत हो चुकी है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन ने बताया कि न्यायालय […]

भोपाल : मध्यप्रदेश के करोडों रुपये के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में पिछले 24 घंटों में दो आरोपियों की ग्वालियर और इन्दौर में मौत हो गयी. इसमें इंदौर के आरोपी की मौत संदिग्ध है. इस फर्जीवाडे के 24 आरोपियों की अब तक असामयिक मौत हो चुकी है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन ने बताया कि न्यायालय से जमानत पर रिहा हुए आरोपी डॉ राजेन्द्र आर्य (40) की आज सुबह ग्वालियर के बिडला अस्पताल में मौत हो गयी. उन्होंने आर्य के परिजन के हवाले से बताया कि मृतक की मौत बीमारी के कारण हुई है. आरोपी गत एक वर्ष से जमानत पर था. उस पर वर्ष 2007 और वर्ष 2008 में पीएमटी प्रवेश परीक्षा में दो विद्यार्थियों को फर्जीवाडे के जरिये मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने का आरोप था.

जैन ने बताया कि आर्य सागर जिले का रहने वाला था और एमबीबीएस डॉक्टर था. वह ग्वालियर और चम्बल इलाके में काम करता था. उसके परिजन ने बताया कि वह कोटा गया था, वहां से वापस आने पर उसकी तबीयत खराब हो गयी. व्यापमं फर्जीवाडे के एक अन्य आरोपी नरेन्द्र सिंह तोमर (29) की संदिग्ध स्थिति में इन्दौर की जेल में शनिवार रात मौत हो गयी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तोमर को सीने में दर्द की शिकायत के बाद इन्दौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवायएच) लाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया. इंदौर के नगर पुलिस अधीक्षक अजय जैन ने कहा कि तोमर की मौत की मजिस्टरीयल जांच की जा रही है.

जैन ने कहा कि तोमर को व्यापमं घोटाले के तहत गिरफ्तार किया गया तब वह सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी के रुप में प्रदेश के रायसेन जिले में पदस्थ था. वह मूलत: मुरैना जिले का रहने वाला था. वह वर्ष 2009 में आयोजित प्री.मेडिकल टेस्ट :पीएमटी: में फर्जीवाडे का आरोपी था. वह असल में विद्यार्थियों के स्थान पर फर्जी परीक्षार्थियों से परीक्षा दिलवाकर फर्जीवाडे को अंजाम देने वाले गिरोह का सदस्य था. व्यापमं फर्जीवाडे में कई आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं. इनमें से तोमर सहित अब तक 24 आरोपियों की संदिग्ध रुप से मौत हो चुकी है.

व्यापमं घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय को दो दिन पहले ही में इस घोटाले के अस्वाभाविक मौत के 23 आरोपियों की सूची दी है, जबकि कुछ खबरों में इस घोटाले के 40 आरोपियों की मौत होने का दावा किया गया है. इसमें सबसे चर्चित आरोपी मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के पुत्र शैलेष यादव :50: थे, जिनकी गत 25 मार्च को उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपने पिता के माल एवेन्यू इलाके में स्थित घर पर अस्वाभाविक मौत हो गयी थी.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव भी व्यापमं घोटाले में आरोपी बनाया गया था. लेकिन बाद में उन्हें न्यायालय से इस मामले में राहत दी गई. व्यापमं घोटाले में वर्ग तीन के शिक्षकों के पद हेतु 10 उम्मीदवारों की कथित तौर पर भर्ती के मामले में शैलेष का नाम आया था. व्यापमं में अवैध तरीके से वन रक्षकों की भर्ती में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में एसआईटी ने रामनरेश यादव (88) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. हालांकि उच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया था.

करोडों रुपये के व्यापमं घोटाले के जरिये मध्यप्रदेश में मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले और सरकारी भर्तियां कराई गयी. इसमें अनेक राजनेता, उच्च अधिकारी और बिचौलियों की भूमिका थी। इस मामले में प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, व्यापमं के उच्च अधिकारी, बिचौलियों सहित असल विद्यार्थियों के स्थान पर फर्जी परीक्षा देने वाले कई लोग जेल में बंद हैं. प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी इस घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाये थे.

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