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पीएम नरेंद्र मोदी ने किया ”एयरो इंडिया” का उद्घाटन, घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहित करने की पहल का वादा

बैंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा उद्योग के लिहाज से भारत के एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के तौर पर उभरने का भरोसा जाहिर करने के साथ ही वादा किया कि घरेलू और विदेशी कंपनियों के लिए पक्षपात रहित कर प्रणाली समेत अनुकूल कारोबारी माहौल प्रदान किया जाएगा. एयरो इंडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए […]

बैंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा उद्योग के लिहाज से भारत के एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के तौर पर उभरने का भरोसा जाहिर करने के साथ ही वादा किया कि घरेलू और विदेशी कंपनियों के लिए पक्षपात रहित कर प्रणाली समेत अनुकूल कारोबारी माहौल प्रदान किया जाएगा. एयरो इंडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुपरिचित रक्षा चुनौतियों के मद्देनजर देश को अपनी रक्षा तैयारी बढाने और अपनी सेना के आधुनिकीकरण की जरुरत है.

साथ ही उन्होंने विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे सिर्फ विक्रेता बनने के बजाय रणनीतिक भागीदार बनें. उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य ध्यान आयात को कम करने और मिशन की भावना के साथ घरेलू रक्षा उद्योग को विकसित करने पर है. उन्‍होंने कहा कि मिशन की यह भावना ‘मेक इन इंडिया कार्यक्रम का मूल है.’ उन्होंने कहा ‘हम ऐसा उद्योग विकसित करेंगे जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और विदेशी कंपनियों सहित हर किसी के लिए जगह होगी.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा गतिशील रक्षा उद्योग विकसित करने की है. साथ ही उन्होंने अनुकूल कारोबारी माहौल के प्रति आश्वस्त किया. मोदी ने कहा कि मजबूत रक्षा उद्योग न सिर्फ देश को ज्यादा सुरक्षित बनाएगा बल्कि इसे और संपन्न भी बनाएगा.

बेंगलुरु के बाहरी क्षेत्र में स्थित भारतीय वायु सेना के येलाहांका एयर बेस पर एशिया के प्रमुख एयर शो में प्रधानमंत्री ने कहा ‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी कर प्रणाली के तहत आयात के मुकाबले घरेलू विनिर्माताओं के साथ पक्षपात न हो.’ मोदी ने कहा ‘यदि हम देश में विनिर्माण क्षेत्र का बदलाव कर सके तो भारत का रक्षा क्षेत्र और सफल होगा.’

आयात घटाने की जरुरत पर बल देते हुए मोदी ने कहा ‘यदि हम अगले पांच साल में घरेलू खरीद का अनुपात बढाकर 40 प्रतिशत से 70 प्रतिशत कर सकें तो हम अपने रक्षा क्षेत्र का उत्पादन दोगुना कर सकेंगे.’ उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दिनों आए अध्ययन से स्पष्ट है कि आयात में 20-25 प्रतिशत तक की भी कमी हो तो इससे सीधे तौर पर देश में बेहद कुशल लोगों के लिए एक लाख से 1,20,000 तक अतिरिक्त रोजगार सृजन किया जा सकेगा.

मोदी ने देश की अनुसंधान एवं विकास प्रक्रिया में वैज्ञानिकों, सैनिकों, शैक्षणिक समुदाय, उद्योग और स्वतंत्र विशेषज्ञों को और मजबूती से जोडने की भी बात कही. मोदी ने कहा कि एक अरब आबादी वाले देश के तौर पर भारत में आंतरिक सुरक्षा प्रबंधन की भी भारी जरुरत है. उन्होंने कहा ‘हम प्रौद्योगिकी और प्रणाली को इससे जोड रहे हैं.’

प्रधानमंत्री ने एयर शो में भागीदारी कर रहे विदेशी शिष्टमंडलों से कहा कि उनमें से बहुतों के लिए भारत प्रमुख कारोबारी अवसर है जो रक्षा उपकरणों के लिए सबसे बडे वैश्विक आयातक के तौर पर मशहूर है. मोदी ने इस द्वैवार्षिक समारोह के मौके पर कहा ‘आपमें से बहुतों को यह सुनने में अच्छा लगता होगा लेकिन यह ऐसा क्षेत्र है जिसमें हम अव्वल नहीं रहना चाहते.’

इस मौके पर 250 से अधिक भारतीय और 300 विदेशी कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. अब तक के सबसे बडे एयरो इंडिया शो में विश्व भर के रक्षा मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और सैंकडों उद्योगपति हिस्सा ले रहे हैं जिसमें मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम केंद्र में है. उन्होंने कहा ‘हमारी सुरक्षा चुनौतियां सुपरिचित हैं तथा हमारी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां स्पष्ट हैं और हमें भी अपनी रक्षा तैयारी बढाने की जरुरत है. हमें अपने रक्षा बलों के आधुनिकीकरण की भी जरुरत है.हमें अपने आपको भविष्य की जरुरत के लिए तैयार करना है जिसमें प्रौद्योगिकी की प्रमुख भूमिका होगी.’

उन्होंने कहा कि मजबूत रक्षा उद्योग न सिर्फ भारत को और सुरक्षित बनाएगा बल्कि संपन्न भी बनाएगा. मोदी ने कहा ‘मुझे विश्वास है कि भारत रक्षा उद्योग के लिए प्रमुख वैश्विक केंद्र बनकर उभरेगा.’ मोदी ने कहा कि सरकार ऐसा उद्योग विकसित करना चाहती है जो गतिशील हो और यह वैश्विक उद्योग में यह निरंतर अग्रणी रहे. उन्होंने कहा ‘एयरो इंडिया हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्प्रेरक बन सकता है. मैं यहां इसीलिए आया हूं.’

उन्होंने कहा ‘मेरे लिए यह सिर्फ रक्षा उपकरणों का व्यापार मेला नहीं है. यह सबसे बडी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में से एक का सबसे विकसित प्रौद्योगिकियों और जटिल उपकरणों का महासम्मेलन है और भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को पेश करने का मंच है.’ मोदी ने कहा कि मजबूत रक्षा उद्योग वाला देश न सिर्फ ज्यादा सुरक्षित होगा बल्कि इसके आर्थिक फायदे भी होंगे, निवेश बढेगा, विनिर्माण का प्रसार होगा, उद्यम को सहायता मिलेगी, प्रौद्योगिकी का स्तर बढेगा और देश में आर्थिक वृद्धि बढेगी.

उन्होंने कहा कि भारत में सिर्फ सार्वजनिक रक्षा क्षेत्र में ही करीब दो लाख कामगार और हजारों इंजीनियर काम करते हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के मेक इन इंडिया अभियान से जुडने के लिए विदेशी कंपनियां एक दूसरे के साथ स्पर्धा कर रही हैं क्योंकि विदेशी कंपनियां अरबों डालर के फलते-फूलते भारतीय रक्षा बाजार में प्रवेश करना चाहती हैं. वैमानिकी और विमानन प्रदर्शनी के 10वें अंतरराष्ट्रीय संस्करण में कई देशों के 54 मंत्रीस्तरीय और अन्य उच्च स्तरीय शिष्टमंडल हिस्सा ले रहे हैं.

इसमें 600 से अधिक कंपनियां हिस्सा ले रही हैं जिसमें 295 भारतीय और 328 विदेशी कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. इस समारोह में अमेरिका की सबसे अधिक 64 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं जिसे भारत में अब तक आयोजित सबसे बडा एयर शो कहा जा रहा है. इसमें 33 अन्य देश हिस्सा ले रहे हैं.

आयोजकों ने कहा कि एयर शो में 58 कंपनियों की भागीदारी के साथ फ्रांस दूसरे नंबर पर है जिसके बाद ब्रिटेन (48 कंपनियां), रुस (41 कंपनियां), इस्रायल (25 कंपनियां) और जर्मनी (17 कंपनियां) का स्थान है. भारतीय वायु सेना के सारंग दल और स्वीडन, ब्रिटेन, चेक गणतंत्र के वायु प्रदर्शनी दल और अमेरिका के विशेष बलों की खुले आकाश में छलांग, इस समारोह के मुख्य आकर्षण रहे.

इस समारोह में प्रदर्शित 11 विदेशी सैनिक वायुयानों में से सात अमेरिकी हैं जिनमें दो एफ-15 सी ईगल, दो एफ-16 ब फाइटिंग फाल्कन, एक बोइंग केसी-135 टैंकर, एक सी-17 ग्लोबमास्टर-3 और एक पी-8 ए पोसीडन मैरिटाइम निगरानी विमान शामिल हैं. फ्रांस की प्रमुख कंपनी दासो के तीन राफेल युद्धक विमान – जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा अधिग्रहण के लिए चयनित किया गया है – हवाई-करतब (एयरोबेटिक्स) प्रदर्शनी में भाग लेंगे.

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