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ओबामा के दौरे के दौरान स्कूल, धार्मिक स्थलों पर हमला कर सकते हैं आतंकीः सेना

नगरौता(जम्मू कश्मीर) : सेना ने आज कहा कि उसे कुछ सुराग मिले हैं, जिनमें आशंका जतायी गयी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की इस माह के अंत में होने वाली भारत यात्रा के पहले पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में स्कूलों, धार्मिक स्थलों, सैनिक काफिलों और असैनिक क्षेत्रों जैसे ‘आसान लक्ष्यों ’ को […]

नगरौता(जम्मू कश्मीर) : सेना ने आज कहा कि उसे कुछ सुराग मिले हैं, जिनमें आशंका जतायी गयी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की इस माह के अंत में होने वाली भारत यात्रा के पहले पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में स्कूलों, धार्मिक स्थलों, सैनिक काफिलों और असैनिक क्षेत्रों जैसे ‘आसान लक्ष्यों ’ को निशाना बना कर हमले कर सकते हैं.
सोलहवीं कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल केएच सिंह ने कहा कि पूरी तरह हथियारों से लैस करीब 200 आतंकवादी पीर पंजाल पहाड़ियों के दूसरी ओर नियंत्रण रेखा के पार स्थित 36 घुसपैठ ठिकानों पर इंतजार कर रहे हैं और ऐसी पूरी आशंका है कि पाकिस्तान अपनी धरती पर पनपे इन आतंकी संगठनों के आतंकवादियों को सीमा के इस पार भेजने का प्रयास कर सकता है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा ,‘‘ ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि आतंकवादी स्कूलों, धार्मिक स्थलों, सेना के काफिलों और अन्य असैनिक इलाकों पर हमले कर सकते हैं. ’’ सिंह ने कहा कि सेना आतंकी संगठनों के किन्हीं भी नापाक इरादों को विफल करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा ,‘‘पीर पंजाल पहाडियों के पीछे सीमा के पार 200 आतंकी भारत में घुसने के लिए 36 ठिकानों पर मौजूद हैं. हम अभी तक उनकी इन कोशिशों को विफल करने में सफल रहे हैं.’’ सिंह ने कहा कि सीमा के उस पार आतंकी ढांचा सक्रिय है और आतंकी संगठनों को वहां की सेना और आईएसआई सहित पाकिस्तान के प्रतिष्ठानों से समर्थन मिल रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘वहां, नियंत्रण रेखा के उस पार 14 से 15 आतंकी प्रशिक्षण शिविर सक्रिय हैं और उन क्षेत्रों को लेकर हमारी जिम्मेदारी है.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ सीमा के पार आतंकी ढांचा बरकरार है और ऐसा संभव है कि पाकिस्तान अपनी धरती पर पनपे आतंकी संगठनों के इन आतंकवादियों को हमारी सीमा में प्रवेश कराने का प्रयास करे.’’
सिंह ने बताया कि ऐसे संकेत हैं कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के कुछ असंतुष्ट तत्व पाकिस्तानी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर सकते हैं और उनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ हमले कराने के लिए किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि दो माह से कुछ कम समय पहले प्रतिबंधित लश्कर ए तैयबा आतंकी संगठन का प्रमुख हाफिज सईद पाकिस्तान के साथ लगती सीमा के इस इलाके में आया था और ऐसा समझा जाता है कि उसने अपने काडर को भारत के खिलाफ हमले करने के लिए प्रेरित किया था. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत सीमा पार स्थित आतंकी ढांचों पर जवाबी हमले करने के लिए तैयार है, सिंह ने कहा सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहती है.
उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र में 37 सक्रिय आतंकी हैं लेकिन उनकी गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों की पूरी नजर है. सिंह ने कहा ,‘‘जम्मू क्षेत्र में 37 सक्रिय आतंकवादियों समेत करीब 80 से 90 लोग हैं जो उग्रवाद में संलिप्त हैं. लेकिन हम इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि हम उन पर हावी रहें जिससे कि वे कोई अभियान शुरु नहीं कर सकें.’’ उन्होंने कहा, हालांकि पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनके सारे प्रयासों को नाकाम कर दिया गया है.सिंह ने कहा, ‘‘घुसपैठ की बहुत सी कोशिशें की गयीं’ लेकिन हमने सभी को विफल कर दिया.’’
सिंह ने बताया ,‘‘पिछले साल हमारी जिम्मेदारी वाले इलाकों में घुसपैठ की 15 कोशिशें हुईं’ ,लेकिन हमने यह सुनिश्चित किया कि वहां कोई घुसपैठ नहीं होने पाए.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सेना, आइएसआइ और आतंकियों के बीच परस्पर तालमेल है और वे भारत के खिलाफ हमले बढाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा ,‘‘सीमा के पार पाकिस्तानी सेना, आइएसआइ और आतंकियों के बीच समन्वय केंद्र हमेशा से बने हुए हैं ,लेकिन , हाल के दिनों में उन्होंने अपनी गतिविधियां बढा दी हैं.’’ सिंह ने कहा कि ऐसी सूचनाओं के बाद कि आतंकी ‘आसान लक्ष्यों’ को निशाना बना सकते हैं , सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए सतर्क कर दिया गया है.
उन्होंने कहा ,‘‘मैं आश्वस्त करता हूं और आपको इस बात पर गर्व करना चाहिए कि आपकी सेना ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने और आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है.’’ पेशावर के एक सैन्य स्कूल में आतंकी हमले के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ हमने यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए हैं कि हमारी जिम्मेदारी वाले इलाके के स्कूल पूरी तरह सुरक्षित हों और हम ऐसी किसी भी कोशिश से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.’’ पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि भारत पाकिस्तान में उग्रवाद को सहायता और समर्थन दे रहा है , सिंह ने कहा कि भारत कभी भी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं होता.
सिंह ने कहा , हालांकि वह इस पर बोलने को अधिकृत नहीं हैं , ‘‘लेकिन भारत के एक नागरिक के तौर पर मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भारत इस तरह की गतिविधि में कभी भी संलिप्त नहीं होता है.’’उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र में आतंकियों की क्षमता में कमी आयी है लेकिन , सीमा पार स्थित आतंकी संगठन अभी भी सक्रिय हैं. ऐसे संगठन आतंकियों की गतिविधियों के लिए साजो-सामान और अन्य सुविधाएं मुहैया कराते हैं.’’

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