नयी दिल्ली:अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार 16 फरवरी को शपथ लेंगे. दिल्ली सरकार इस शपथग्रहण को एतिहासिक बनाने में जुटी है. इसी बीच शिक्षा विभाग का एक सर्कुलर विवादों में आ गया है.
दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें शपथग्रहण के दिन दिल्ली के सभी स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे अपने स्कूलों से 20 शिक्षकों को शपथग्रहण स्थल पर भेजेंं.
हालांकि सर्कुलर जारी होते ही भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है.भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा, "यह एक गलत परंपरा की शुरुआत है. शपथग्रहण को ऐसे "अनावश्यक ग्रहणों" से दूर रखा जाना चाहिए."
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने भी केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है.मुकेश शर्मा ने कहा है कि केजरीवाल झूठ बोलकर चुनाव तो जीत गए, लेकिन उनके पास जनाधार नहीं है, इसलिए शपथग्रहण में शिक्षकों को बुलाया जा रहा है.
सिसोदिया ने दी सफाई
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस पूरे विवाद पर सफाई दी है. उन्होने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सभी वर्गके लोगों को आमंत्रित किया है, जिसमेंरिक्शावाल,ऑटोवाला,बसड्राईवर,शिक्षक, दुकानदारआदिशामिल हैं.
क्या है सर्कुलर में?
शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार दिल्ली के सभी स्कूलों के शिक्षकों की रामलीला मैदान में ड्यूटी लगाई जाएगी. सभी शिक्षक वहां पर फील्ड ऑफिसर को रिपोर्ट करेंगे.