Shaheen Bagh Protest: सुप्रीम कोर्ट शाहीन बाग में प्रदर्शन के खिलाफ याचिकाओं पर दिल्ली चुनावों के बाद सुनवाई करेगा. शुक्रवार को कोर्ट ने कहा है कि वह शाहीन बाग में प्रदर्शनों के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई 10 फरवरी को करेगा क्योंकि वह मामले की शुक्रवार को सुनवाई करके दिल्ली विधानसभा चुनाव को ‘‘प्रभावित” नहीं करना चाहता.
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को मतदान होगा और अब मामले पर सोमवार को सुनवाई होगी.
न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा- हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए। हम सोमवार को इस पर सुनवाई करेंगे. तब हम बेहतर स्थिति में होंगे.
जब याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान होना है तो पीठ ने कहा- हम इसलिए ही तो कह रह रहे हैं कि सोमवार को आइए. हम उसे प्रभावित क्यों करें ?
पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तैयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए. पीठ ने कहा- हमें लगता है कि यह उचित होगा अगर उच्च न्यायालय मामले पर सुनवाई करें. उच्च न्यायालय उपयुक्त मंच है और हम इस संबंध में निर्देश जारी कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट वकील अमित साहनी की अपील पर सुनवाई कर रहा है. साहनी ने कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर यातायात की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने के वास्ते उच्च न्यायालय का रुख किया था.
सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने 15 दिसंबर से इस मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है. उच्च न्यायालय ने स्थानीय अधिकारियों से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इससे निपटने के लिए कहा था. इसके अलावा दिल्ली के पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग ने अपने वकील शशांक देव सुधी के जरिए उच्चतम न्यायालय में अलग से एक याचिका दायर कर अधिकारियों को शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.
संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण पिछले साल 15 दिसंबर से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग अवरुद्ध है.
दिल्ली चुनाव से पहले प्रदर्शन स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग
सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की. इन इलाकों में हाल में गोलियां चलने की घटनाएं हुई थीं. प्रदर्शनकारियों ने आशंका जतायी कि आठ फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी और भी घटनाएं हो सकती हैं. जामिया नगर के निकट एक सप्ताह में गोलियां चलाने घटनाएं हुई हैं.
फायरिंग की घटनाएं
यदि आपको याद हो तो तीस जनवरी को एक नाबालिग ने जामिया से राजघाट की ओर मार्च की तैयारी कर रहे सीएए-विरोधी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलायी थी, जिसमें एक छात्र घायल हो गया था. इसके दो दिन बाद 25 वर्षीय व्यक्ति ने शाहीन बाग में दो राउंड फायरिंग की थी, जहां पर नये नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था.
15 दिसंबर से प्रदर्शन जारी
शाहीन बाग और उसके निकट जामिया मिल्लिया इस्लामिया में महिलाओं और बच्चों समेत हजारों लोग संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ 15 दिसंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं.