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संसद सत्र : सीएए पर बोले PM मोदी- कांग्रेस के लिए जो थे सिर्फ मुस्लिम, वो हमारे लिए केवल हिंदुस्तानी

नयी दिल्लीःसंसद के बजट सत्र का आज छठा दिन है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा किया. इसके बाद लोकसभा से धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कराया जाएगा. बाद में राज्यसभा से भी इसको पारित कराना होगा. पढ़ें लाइव अपडेट्स….. – पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी […]

नयी दिल्लीःसंसद के बजट सत्र का आज छठा दिन है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा किया. इसके बाद लोकसभा से धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कराया जाएगा. बाद में राज्यसभा से भी इसको पारित कराना होगा. पढ़ें लाइव अपडेट्स…..

– पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के डंडे वाले बयान पर पलटवार किया. बोले- मैंने कांग्रेस के एक नेता का कल वक्तव्य सुना कि 6 महीने में मोदी को डंडे मारेंगे. ये काम थोड़ा कठिन है, तो तैयारी में छह महीने लगते ही हैं. मैंने भी तय किया है कि छह महीने में सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा. 20 साल से मैंने जिस प्रकार से गंदी गाली सुनकर खुद को गालीप्रूफ बना दिया है तो,छह महीने ऐसी मेहनत करूंगा की मेरी पीठ को हर डंडा सहने ताकत मिले.

– पीएम मोदी बोले- कांग्रेस की दिक्कत ये हैं कि वो बाते करती है, झूठे वादे करती है और दशकों तक उन वादों को टालती रहती है. आज हमारी सरकार अपने राष्ट्र निर्माताओं की भावनाओं पर चलते हुए फैसले ले रही है, तो इनकों दिक्कत हो रही है. मैं फिर से इस सदन के माध्यम से बड़ी जिम्मेदारी के साथ स्पष्ट कहना चाहता हूं कि सीएए से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला. चाहे वो मुस्लिम हो, हिंदू हो, सिख हो या अन्य किसी धर्म को मानने वाला हो.

– पीएम ने कहा- पाकिस्तान के हालात को देखते हुए गांधी जी के साथ ही नेहरू जी की भावनाएं भी जुड़ी थी. सभी लोग इस तरह के कानून की बात कहते रहे हैं. क्या पंडित नेहरू कम्युनल थे? क्या हिन्दू-मस्लिम में भेद करते थे? क्या वो हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते थे? मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं जो अल्पसंख्यकों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते रहते हैं. क्या कांग्रेस को 1984 के दिल्ली के सिख विरोधी दंगे याद नहीं, क्या वो अल्पसंख्यक नहीं थे? हमारे सिख भाइयों के गले में टायर बांध बांध कर जला दिया गया था. इतना ही नहीं उन दंगों के आरोपियों को जेल में तो नहीं भेजा अपितु उन दंगों को भड़काने का आरोप जिन पर लगा था, उनको एक राज्य का मुख्यमंत्री बना देते हो.

– पीएम ने कहा- संविधान बचाने की बात कांग्रेस को दिन में 100 बार बोलनी चाहिए, ये तो उनका मंत्र होना चाहिए. संविधान के साथ कब क्या हुआ, अगर इसका महत्व समझते तो संविधान के साथ ये न हुआ होता. इसलिए जितनी बार आप संविधान बोलोगे, कुछ चीजें आपको अपनी गलतियों का एहसास करा देंगी.

-पीएम ने कहा- 1963 में लोकसभा में कॉल अटेंशन मोशन हुआ और नेहरू जी उस समय विदेश मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे थे. तब नेहरू जी ने तब के विदेश राज्य मंत्री को टोकते हुए कहा था कि पूर्वी पाकिस्तान में वहां की ऑथोरिटी हिंदुओं पर जबरदस्त दवाब बना रही है.

-पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और असम के तत्कालीन गोपीनाथ बोरदोलोई के बीच हुए पत्र व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा कि पंडित जी ने हरू को पत्र लिखकर कहा था कि पंडित नेहरू खुद पाकिस्तान में हिन्दू अल्पसंख्यकों की रक्षा के पक्ष में थे. पीएम ने कहा कि वे कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि क्या पंडित नेहरू साम्प्रदायिक थे, क्या वे हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते थे.

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ, जो भारत-पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए हुआ. इस समझौते में धार्मिक अल्पसंख्यकों का जिक्र हुआ था.नेहरू जी इतने बड़े विचारक थे, फिर उन्होंने उस समय वहां के अल्पसंख्यकों की जगह, वहां के सारे नागरिक को समझौते में शामिल क्यों नहीं किया? जो बात हम आज बता रहे हैं, वही बात नेहरू जी की भी थी.

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- पांच नवंबर 1950 को इसी संसद में नेहरू जी ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि जो प्रभावित लोग भारत में बसने के लिए आये हैं, ये नागरिकता मिलने के अधिकारी हैं और अगर इसके लिए कानून अनुकूल नहीं हैं तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए.

-प्रधानमंत्री मोदी बोले- इतने दशकों के बाद भी पाकिस्तान की सोच नहीं बदली है, वहां आज भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण ननकाना साहिब में देखने को मिला. ये केवल हिंदू और सिखों के साथ नहीं बल्कि वहां अन्य जो अल्पसंख्यक हैं, उनके साथ भी यही हो रहा है.

-प्रधानमंत्री मोदी बोले- देश ने देख लिया है कि दल के लिए कौन है और देश के लिए कौन है. जब बात निकली है तो दूर तलक जानी चाहिए.किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान में लकीर खींची गई और हिंदुस्तान का बंटवारा कर दिया गया.

-पीएम मोदी बोले- हमें याद दिलाया जा रहा है कि क्विट इंडिया और जय हिंद का नारा देने वाले हमारे मुस्लिम ही थे. दिक्कत यही है कि कांग्रेस की नजर में ये लोग हमेशा ही सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम थे. लेकिन हमारे लिए, हमारी नजर में वो भारतीय हैं, हिंदुस्तानी हैं.

-पीएम मोदी बोले- सीएए (CAA)को लेकर कुछ लोग कह रहे हैं कि इसे लाने की इतनी जल्दी क्या थी? कुछ माननीय सदस्यों ने कहा कि हम देश के टुकड़े करना चाहते हैं. विडंबना यह है कि ये वो लोग बोल रहे हैं जो देश के ‘टुकडे टुकडे’ करने वालों के बगल में खड़े होकर फोटो खिंचवाना पसंद करते हैं. कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने जिस दिन भारत को भारत की नजर से देखना शुरु किया, उस दिन उन्हें अपनी गलती का अहसास होगा.

-पीएम मोदी बोले- सीएए को लेकर कुछ लोग कह रहे हैं कि इसे लाने की इतनी जल्दी क्या थी? कुछ माननीय सदस्यों ने कहा कि हम देश के टुकड़े करना चाहते हैं. विडंबना यह है कि ये वो लोग बोल रहे हैं जो देश के ‘टुकडे टुकडे’ करने वालों के बगल में खड़े होकर फोटो खिंचवाना पसंद करते हैं. कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने जिस दिन भारत को भारत की नजर से देखना शुरु किया, उस दिन उन्हें अपनी गलती का अहसास होगा.

-पीएम बोले- हमारे देश में सिक्किम ऐसा प्रदेश है जिसने ऑर्गेनिक प्रदेश के रूप में अपनी पहचान बनाई है. देश के दूसरे राज्यों को सिक्किम जैसे छोटे राज्य ने प्रेरणा दी है. लद्दाख के लिए मेरे मन में चित्र साफ है. इसलिए हम चाहते हैं कि जिस प्रकार भूटान की प्रशंसा होती है, हम संकल्प लेते हैं कि हम लद्दाख को भी कार्बन न्यूट्रल इकाई के रूप में विकसित करेंगे.

-पीएम बोले- महबूबा मुफ्ती जी ने कहा था कि भारत ने कश्मीर के साथ धोखा किया है. हमने जिस देश के साथ रहने का फैसला किया था, उसने हमें धोखा दिया है. ऐसा लगता है कि हमने 1947 में गलत चुनाव कर लिया था. संविधान को मानने वाले लोग ऐसी बात को स्वीकार कर सकते हैं क्या? उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को हटाना ऐसा भूकंप लाएगा कि कश्मीर भारत से अलग हो जाएगा. फारुख अब्दुल्ला ने कहा था 370 को हटना कश्मीर के लोगों की आजादी का मार्ग प्रशस्त करेगा. क्या ऐसी बातों को कोई स्वीकार कर सकता है क्या?.

-पीएम बोले- कश्मीर भारत का मुकुटमणि है. कश्मीर की पहचान बम, बंदूक और अलगाववाद की बना दी गई थी. 19 जनवरी 1990 की वो काली रात को कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था. कश्मीर की पहचान सूफी परंपरा और सर्व पंथ समभाव की है.

– जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जिक्र आने पर पीएम मोदी ने कहा कि पहले कश्मीर की पहचान बम, बंदूक और आतंकवाद बना कर रख दी गई थी. उन्होंने कहा कि 1990 में ही कश्मीर की पहचान को दफना दिया गया था. जब वहां से कश्मीरी पंडितों को भागना करना पड़ा था. पीएम ने कहा कि कश्मीर की पहचान सूफीवाद थी. शशि थरूर पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि आप तो कश्मीर के आप दामाद रहे हो, आपको तो वहां की बेटियों के बारे में सोचना चाहिए था. पीएम ने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि 370 हटाने के बाद आग लग जाएगी. कितने बड़े भविष्यवक्ता थे वे. पीएम ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के बयान का भी जिक्र किया.

-प्रधानमंत्री बोले- कांग्रेस के समय हिंदुस्तान की क्या स्थिति थी, लोगों के अधिकार की स्थिति क्या थी, ये मैं इनसे पूछना चाहता हूं. अगर ये लोग मानते कि संविधान इतना महत्वपूर्ण है तो, हिंदुस्तान के संविधान को जम्मू कश्मीर में लागू करने से इन्हें किसने रोका था.

– प्रधानमंत्री बोले- सर्वोच्च अदालत संविधान में एक महत्वपूर्ण अंग है, वो सर्वोच्च अदालत बार बार ये कहे कि आंदोलन ऐसे न हो जो सामान्य मानवी को तकलीफ दे और हिंसा के रास्ते पर न चले. लेकिन वामपंथी और कांग्रेस के लोग वहां जाकर लोगों को उकसा रहे हैं और भड़काऊ बातें कर रहे हैं. एक शायर ने कहा था-

खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साहब छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं.

पब्लिक सब जानती है.

पिछले दिनों जो वक्तव्य दिए गए, उनका जिक्र सदन में करना उपयुक्त नहीं है. सदन के बड़े-बड़े लोग भी वहां जाते हैं, ये ठीक नहीं हैं.

– प्रधानमंत्री मोदी बोले- दिल्ली में ट्रैफिक, के बीच हजारों ट्रक गुजरते थे. पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को पूरा करने का 2009 में यूपीए सरकार का संकल्प था. 2014 तक वो कागजों तक ही सीमित रहा. 2014 में आने के बाद हमने मिशन मोड पर काम किया और आज ये काम पूरा हो गया है.

– प्रधानमंत्री मोदी बोले- आपातकाल कौन लाया? न्यायपालिका को किसने रौंदा? संविधान में सबसे अधिक संशोधन कौन लाया है? किसने अनुच्छेद 356 को सबसे अधिक लागू किया? जिन लोगों ने उपरोक्त कार्य किये हैं, उन्हें हमारे संविधान का गहन ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता है. कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया हो और उस प्रस्ताव को प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़ देने वाले लोगों को संविधान बचाने की शिक्षा लेना बहुत जरूरी है. जिन्होंने लोगों से जीने का कानून छीनने की बात कही थी, उन्हें बार-बार संविधान बोलना भी पड़ेगा, पढ़ना भी पड़ेगा. जो लोग सबसे ज्यादा बार संविधान को बदलने का प्रस्ताव लाए हैं, उन्हें संविधान बचाने की बात करनी ही पड़ेगी.

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- देश की अर्थव्यवस्था को ताकत देने में इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत बड़ा महत्व होता है. जितना ज्यादा बल हम इंफ्राफ्ट्रक्चर को देते हैं, वो अर्थव्यवस्था, रोजगार और नए उद्योगों को गति देता है. इसलिए हम इंफ्रास्ट्रक्चर के कामों में गति लाए हैं. सिंचाई से लेकर इंडस्ट्री तक, रोड से लेकर पोर्ट्स तक और एयर वे से लेकर वाटर वे तक हमने अनेक पहल किए हैं. गत पांच वर्षों में देश ने ये देखा है और देखा है तभी तो यहां दोबारा बैठाया है.

-पीएम मोदी बोले- मुद्रा योजना, मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने देश में स्वरोजगार को बहुत बड़ी ताकत दी है. देश में पहली बार करोड़ों लोग मुद्रा योजना से खुद तो रोजी-रोटी कमाने लगे हैं और दूसरों को भी रोजगार देने लगे हैं.

-पीएम मोदी बोले- अर्थव्यवस्था को गति मिले इसके लिए भी हमने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए है. जनवरी 2019 से जनवरी 2020 के बीच 6 बार जीएसटी राजस्व 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है. एफडीआई अप्रैल-सितंबर 2018 में 22 बिलियन डॉलर था. आज उसी अवधि में ये 26 बिलियन डॉलर को पार कर गया है.

-पीएम मोदी बोले- हमारा विज़न है. Greater investment, Better infrastructure, Increased value addition और ज्यादा से ज्यादा job creation पर है.

-पीएम मोदी बोले- हमने समस्याओं के समाधान खोजने का लगातार प्रयास किया है और उसी का परिणाम है कि अर्थव्यवस्था में राजकोषीय घाटा बनी रही है, महंगाई नियंत्रित रही है और मैक्रो इकॉनमी स्टेबिलिटी भी बनी रही है:

-पीएम मोदी बोले- कुछ माननीय सदस्य कहते हैं कि ये काम क्यों नहीं हुआ, कब तक करेंगे, कब होगा, कैसे होगा. तो कुछ लोगों को लगता है कि आप आलोचना करते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि आप आलोचना करते हैं. मुझे खुशी है कि आप मुझे समझते हैं, आपको भी पता है कि करेगा तो ये ही करेगा.

– पीएम मोदी ने कहा- किसानों की आय बढ़े, ये हमारी प्राथमिकता है. लागत कम हो ये हमारी प्राथमिकता है. हमारे देश में पहले सात लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई. जबकि हमारे कार्यकाल में 100 लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई.

– पीएम मोदी ने कहा- फसल बीमा योजना से किसानों में एक विश्वास पैदा हुआ है. इस योजना के अंतर्गत किसानों से करीब 13 हजार करोड़ रूपये का प्रीमियम आया. लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ, उसके लिए किसानों को करीब 56 हजार करोड़ इस बीमा योजना से प्राप्त हुए.

-पीएम मोदी बोले- किसान सम्मान योजना के तहत उनके खाते में बिना बिचौलिया के उनके खाते में 45000 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. उन्होंने उन राज्यों के सांसदों को संबोधित किया, जहां किसान सम्मान योजना लागू नहीं है. पीएम ने कहा कि क्या इन राज्यों के किसानों को इसका लाभ नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनीति की वजह से किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. नेताओं से आग्रह किया कि आप अपने राज्यों में किसान सम्मान योजना की हालत देखें. किसानों की मदद करें.

– पीएम मोदी बोले- हम जानते हैं कि डेढ़ गुना एमएसपी का विषय लंबे समय से अटका था, ये किसानों के प्रति हमारी जिम्मेदारी थी कि हमने उसे पूरा किया. वर्षों से लटकी करीब 99 सिंचाई परियोजनाओं पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करके पूरा किया और अब किसानों को उसका लाभ मिल रहा है.

– पीएम ने कहा- बोडो जनजाति की चर्चा में कहा कि ये कोई पहली बार नहीं हुआ. लेकिन पहले जो कुछ भी हुआ, राजनीति के तराजू से तौलकर किया, जो भी किया आधे-अधूरे मन से किया गया. पहले समझौते तो हुए, फोटो भी छप गई, लेकिन कागज पर किये समझौते से बोडो जनजाति के लोगों का भला नहीं हुआ. इस बार के बोडो समझौते में सभी हथियारी ग्रुप साथ आए हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात इसके समझौते में लिखा है कि इसके बाद बोडो की कोई मांग बाकी नहीं रही है. आज नई सुबह भी आई है, नया सवेरा भी आया है, नया उजाला भी आया है.

– पीएम मोदी बोले- नॉर्थ ईस्ट में पिछले पांच वर्ष में जो दिल्ली उन्हें दूर लगती थी, आज वही दिल्ली उनके दरवाजे पर जाकर खड़ी हो गई है.चाहे बिजली की बात हो, रेल की बात हो, हवाई अड्डे की बात हो, मोबाइल कनेक्टिविटी की बात हो, ये सब करने का हमने प्रयास किया है.

– पीएम मोदी बोले- हमने जिस तेज गति से काम किया है, उसका परिणाम है कि देश की जनता ने इसे देखा और देखने के बाद, उसी तेज गति से आगे बढ़ने के लिए हमें फिर से सेवा का मौका दिया. अगर ये तेज गति न होती तो 37 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट इतनी जल्दी नहीं खुलते. अगर गति तेज न होती तो 11 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय न बनते. 13 करोड़ गरीब लोगों के घर में गैस का चूल्हा नहीं पहुंचता. दो करोड़ नए घर गरीबों के लिए नहीं बनते. लंबे समय से अटकी दिल्ली की 1,700 कॉलोनियों को नियमित करने का काम पूरा न होता.

-पीएम मोदी बोले- कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता रहा है. कभी कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदतें भी देश ने देखी है, चुनौतियों को चुनने का सामर्थ्य नहीं, ऐसे लोगों को भी देखा है. लेकिन आज दुनिया की भारत से जो अपेक्षा है, हम अगर चुनौतियों को चुनौती नहीं देते, अगर हम हिम्मत नहीं दिखते और अगर हम सबको साथ लेकर चलने की गति नहीं दिखाते तो हमें लंबे अरसे तक समस्याओं से जूझना होता.

-पीएम मोदी बोले- अगर कांग्रेस के रास्ते हम चलते ,तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का इंतजार देश को करते रहना पड़ता. 35 साल बाद भी नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान का इंतजार देश को करते रहना पड़ता. 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं हो पाता.

– पीएम मोदी बोले- आपकी ही सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती. आपकी ही सोच अगर होती, तो करतापुर साहिब कॉरिडोर कभी नहीं बन पाता. आपके ही के तरीके होते, आपका ही रास्ता होता, तो भारत-बांग्लादेश विवाद कभी नहीं सुलझता.

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुधवार को यहां स्वामी विवेकानंद के कंधे पर बंदूक चलाई गई. उन्होंने कहा कि जो उन्हें जैसा समझ पाता है वैसा ही बयान देता है. उन्होंने कहा कि अगर हम कांग्रेस की राह चलते तो शत्रु संपत्ति कानून नहीं बनते. चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की नियुक्ति नहीं होती. हम अपने लिए नई लीक बनाकर चलते हैं और वह सोच लीक से हटकर होती है. अगर हम कांग्रेस के रास्ते चलते तो आज 50 साल के बाद भी शत्रु संपत्ति का इंतजार देश को करते रहना पड़ता. 28 साल के बाद बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं होता. चीफ ऑफ स्टाफ की नियुक्ति नहीं होती हमारी सरकार तेज गति की वजह वजह से हमारी कोशिश है स्पीड भी बढ़े स्केल भी बढ़े. पीएम ने कहा कि जिस तेज गति से काम किया उसका परिणाम है कि देश की जनता ने 5 साल में देखा देखने के बाद उसी तरीके से करने के लिए और अधिक ताकत के साथ हमें फिर से सेवा करने का मौका दिया.

– पीएम मोदी ने कांग्रेस पर कसा तंज, बोले- हम भी आप लोगों के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता, आपके ही तौर तरीके से चलते, तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती.

-पीएम मोदी बोले- लोगों ने सिर्फ एक सरकार बदली है, केवल ऐसा नहीं है, बल्कि सरोकार भी बदलने की अपेक्षा की है. इस देश की एक नई सोच के साथ काम करने की इच्छा और अपेक्षा के कारण हमें यहां आकर काम करने का अवसर मिला है.

– पीएम मोदी बोले-एक स्वर ये उठा है कि सरकार को सारे कामों की जल्दी क्यों है? हम सारे काम एक साथ क्यों कर रहे हैं? सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ने अपनी कविता में लिखा है कि-

लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं,

हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं

-पीएम मोदी बोले- माननीय राष्ट्रपति जी ने न्यू इंडिया का विजन अपने अभिभाषण में प्रस्तुत किया है. 21वीं सदी के तीसरे दशक का माननीय राष्ट्रपति जी का वक्तव्य हम सभी को दिशा व प्रेरणा देने वाला और देश के लोगों में विश्वास पैदा करने वाला है.

– लोकसभा में प्रधानमंत्री अपने विचार रख रहे हैं. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये तो ट्रेलर है. इस पर पीएम ने कहा कि गांधी आपके लिए ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिए तो जिंदगी हैं.

-पीएम जब लोकसभा में आए तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने जयश्रीराम के नारे लगाए. इसके जवाब में विपक्ष के सांसदों ने महात्मा गांधी की जय के नारे लगाए.

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा पहुंचे तो विपक्ष ने शुरू किया हंगामा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बार बार शांत रहने की कर रहे अपील

– लोकसभा में प्रश्नकाल समाप्त, अब विधायी कार्य शुरू

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 बजे दिन में लोकसभा में सरकार की ओर से जवाब देंगे. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के बाद राज्यसभा में पीएम मोदी शाम पांच बजे बोलेंगे.

– राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर आज लोकसभा में चर्चा करेंगे पीएम मोदी.

– भाजपा सांसद महेश पोद्दार ने राज्यसभा में ‘झारखंड और आसपास के राज्यों में अलगाववादी आंदोलन’ पर लघु अवधि चर्चा नोटिस दिया है.

– तृणमूल कांग्रेस के सांसद सांतनु सेन ने एलआसी में प्रस्तावित बदवालों को लेकर चिंता पर राज्यसभा में शून्य काल में चर्चा का नोटिस दिया.

– कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कर्नाटक के बीदर में एक स्कूली छात्र के माता-पिता को गिरफ्तार करने के मामले में राज्यसभा में शून्य काल में बहस का नोटिस दिया.

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