नयी दिल्लीः देश में आज 72वां सेना दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन देश के उन वीर सपूतों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की और देश की सरहदों को सुरक्षित रखने के लिए अपनी जान को खतरे में डाला. एम एम नरावने इस बार सेना के वार्षिक परेड में पहली बार थल सेना प्रमुख के तौर पर हिस्सा लिया. आर्मी डे को भारतीय सेना के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है.
इस दिन परेड के बाद आर्मी चीफ जवानों को संबोधित करते हैं. इसके बाद शाम में एक ग्रैंड रिसेप्शन का भी आयोजन थल सेना प्रमुख द्वारा किया जाता है. इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एयरफोर्स और नेवी के चीफ सहित इस बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) भी पहुंचे. इस कार्यक्रम का आय़ोजन दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड पर हुआ.
क्यों मनाया जाता है सेना दिवस
देश में हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना के शौर्य और वीरता की याद में आर्मी डे मनाया जाता है. इस दिन देश की सीमा को सुरक्षित रखने के लिए अपनी जान को जोखिम में डाल देने वाले देश के वीरों को याद किया जाता है. बता दें कि भारतीय सेना विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सेना है. इनकी तुलना अमेरिका, रूस जैसे ताकतवर देशों की सेना से की जाती है.
पहले आर्मी चीफ बने थे केएम करियप्पा
वहीं, 15 जनवरी के ही दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी. फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले भारतीय कमांडर इन चीफ बने थे. देश में हर साल 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस मनाया जाता है.
आज ही के दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी. फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले भारतीय कमांडर इन चीफ बने थे.