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उद्धव ठाकरे ने किसानों को पूर्ण कृषि ऋण माफी का भरोसा दिलाया

पुणे : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को राज्य में पूर्ण कृषि ऋण माफी का भरोसा दिलाया और चीनी उद्योग पर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने की भी घोषणा की. ठाकरे का यह बयान शिवसेना नीत गठबंधन सरकार द्वारा कृषि ऋण माफी को औपचारिक रूप से मंजूर किए जाने के एक दिन बाद […]

पुणे : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को राज्य में पूर्ण कृषि ऋण माफी का भरोसा दिलाया और चीनी उद्योग पर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने की भी घोषणा की. ठाकरे का यह बयान शिवसेना नीत गठबंधन सरकार द्वारा कृषि ऋण माफी को औपचारिक रूप से मंजूर किए जाने के एक दिन बाद आया है.

ठाकरे यहां वसंत दादा चीनी संस्थान (वीएसआई) की वार्षिक आम सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने मराठवाड़ा क्षेत्र में अनुसंधान संस्थान की शाखा खोलने की भी घोषणा की.

संस्थान के अध्यक्ष पवार भी इस दौरान मौजूद थे. ठाकरे ने कहा, हमने किसानों को फौरी राहत देने के लिये दो लाख रुपये (प्रति किसान) तक की कर्ज माफी की है, लेकिन हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनका समूचा (फसल का) कर्ज माफ हो.

मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने कर्ज माफी योजना को मंजूरी दी. इसके तहत एक अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2019 तक किसानों द्वारा लिए गए दो लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण बट्टे खाते में डाल दिए जाएंगे. इस योजना के तहत नये सिरे से तय की गई पुनर्भुगतान की किस्त (लघु अवधि कृषि ऋण) के 30 सितंबर 2019 तक के बकाये को माफ किया जाएगा.

ठाकरे ने चीनी क्षेत्र में वीएसआई की भूमिका की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि संस्थान के जरिए आधुनिक प्रौद्योगिकी किसानों तक पहुंची और यही कारण है कि महाराष्ट्र में चीनी उद्योग देश में नंबर वन है. ठाकरे के हवाले से एक बयान में कहा गया, चीनी उद्योग कई समस्याओं का सामना कर रहा है. समस्याओं के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाकर नीतिगत फैसले किए जाएंगे.

अपने संबोधन के दौरान ठाकरे ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी चुटकी ली जो अक्सर कहते हैं कि भाजपा विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है, हालांकि, उसने सत्ता गंवा दी है.

शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने चुटकी लेते हुए कहा, शरद पवार ने हमें सिखाया है कि कम जमीन पर कैसे अधिक फसल उपजाई जाए और विधानसभा में कम संख्या में विधायकों के होने पर भी कैसे सरकार बनाई जाए.

भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन यह गठबंधन टूट गया और फिर शिवसेना ने राकांपा, कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनायी. राज्य में तीनों पार्टियों ने साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनायी और इस गठबंधन के आकार लेने में पवार की बड़ी भूमिका रही.

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