मुंबई : शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए नामित उद्धव ठाकरे मंगलवार रात राजभवन पहुंचे और महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया. शिवसेना के एक नेता ने बताया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के विधायक दलों के नेता भी साथ थे.
उन्होंने बताया, हम राज्यपाल के सामने सरकार गठन के दावे के लिए एक संयुक्त बयान पेश कर रहे हैं. हम जरूरी प्रक्रिया के तहत, तीनों दलों के सभी विधायकों के समर्थन का प्रमाण भी राज्यपाल को पेश करेंगे. इससे पहले गठबंधन ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में चुना था. ठाकरे राज्य के शीर्ष राजनीतिक पद पर पहुंचने वाले अपने परिवार के पहले सदस्य होंगे. यह निर्णय एक होटल में तीनों दलों की संयुक्त बैठक में लिया गया.
इससे कुछ घंटे पहले चार दिन पुरानी देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार गिर गयी थी. राकांपा के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल ने अगले मुख्यमंत्री के रूप में ठाकरे का नाम प्रस्तावित किया. राज्य में कांग्रेस के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. बैठक में राकांपा प्रमुख शरद पवार, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के राजू शेट्टी, समाजवादी पार्टी के अबू आजमी और इन दलों के सभी विधायक मौजूद थे. तीनों दलों ने अपने गठबंधन को ‘महाराष्ट्र विकास आघाड़ी’ नाम दिया है. सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का शपथ ग्रहणएक दिसंबर को होगा. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना चाहती है कि उद्धव ठाकरे का शपथग्रहण मुंबई के शिवाजी पार्क में हो.
राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह एक दिसंबर को होगा. तीनों पार्टियों ने यहां अपनी एक बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नाम पर मुहर लगायी. मलिक ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, तीनों पार्टियों के प्रमुख नेता महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिये राज्यपाल से मिलेंगे. शपथ ग्रहण समारोह एक दिसंबर को होगा. गौरतलब है कि राज्य में नवगठित सरकार के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एवं राकांपा नेता अजित पवार ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया. इन दोनों को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार सुबह शपथ ग्रहण कराया था. लेकिन, फडणवीस ने बहुमत साबित करने के लिए आवश्यक संख्या नहीं होने का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.