नयी दिल्ली : सीआरपीएफ ने राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा पर नये प्रोटोकॉल के बारे में पत्र लिखा है और इस कार्य के लिए जल्द ही एक और बटालियन गठित करने की मंजूरी मांगी जायेगी. यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी.
केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका वाड्रा को मुहैया कराये गये विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सुरक्षा की जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मुहैया करायी थी. अधिकारियों ने बताया कि इन हाई प्रोफाइल लोगों के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सीआरपीएफ की सुरक्षा देने के मद्देनजर बल विशेष हथियारबंद वाहनों की खरीद की मंजूरी भी मांगेगा. उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र की सरकारों को पत्र लिखकर बताया है कि केंद्र सरकार के निर्णय के बाद नये प्रोटोकॉल लागू हो गये हैं.
इसने राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को यह भी सूचित किया है कि गांधी परिवार को एडवांस्ड सिक्योरिटी लायजन (एएसएल) प्रोटोकॉल भी दिया गया है और इसकी सुरक्षा हासिल करने वाले पांच नये सदस्यों सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका, मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर के किसी आधिकारिक या निजी दौरे पर उनके क्षेत्रों में जाने से पहले उनके खुफिया, पुलिस और प्रशासनिक मशीनरी की जरूरत पड़ेगी. सिंह दंपती की एसपीजी सुरक्षा सरकार ने अगस्त में वापस ले ली थी. अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ की एक विशेष टीम इन स्थानों पर कम से कम 24 घंटे पहले जायेगी और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर वीवीआईपी के दौरे वाले स्थानों की जांच पड़ताल करेगी और उन इलाकों को अलग-थलग करेगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, उन्हें सभी प्रशासनिक और पुलिस सहयोग के साथ मार्ग योजना और यात्रा मैप दिये जाने की जरूरत होगी. सीआरपीएफ अब वही करेगी जो एसपीजी करती थी. अधिकारियों ने बताया कि इन ‘येलो बुक’ प्रक्रिया के बारे में राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को सूचित कर दिया गया है और इस कार्य को अंजाम देने के लिए देश में सीआरपीएफ के सभी 28 वीवीआईपी सुरक्षा आधार शिविरों का इस्तेमाल किया जायेगा. सीआरपीएफ को गांधी परिवार और सिंह दंपती के लिए एसपीजी के बुलेट प्रूफ वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गयी है.
वहीं, बल नये हथियारबंद वाहनों की खरीद के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति हासिल करेगा क्योंकि इसके सुरक्षा कवर में गृह मंत्री अमित शाह सहित उच्च खतरा वाले वीवीआईपी शामिल हैं. तीन लाख कर्मियों वाले सीआरपीएफ के सुरक्षा दायरे में वर्तमान में 57 वीवीआईपी शामिल हैं. इसने सीआरपीएफ की वीवीआईपी सुरक्षा के लिए एक-दो और बटालियन (करीब एक हजार से दो हजार अधिक कर्मियों) की मांग करने का निर्णय किया है.