महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे आये के नौ दिन बीतचुके हैं, लेकिनअबतक सरकार गठन का रास्ता साफ नहीं हो पाया है. मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बहुमत प्राप्त गठबंधन की दोनों सहयोगी पार्टियोंभाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है.
इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर शिवसेना को समर्थन देने की सलाह दी है.
दलवई कातर्क है कि प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति पद के चुनाव में शिवसेना ने कांग्रेस को सपोर्ट किया था. उसी तरह महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता से बेदखल रखने के लिए कांग्रेस को शिवसेना का समर्थन करना चाहिए.
दलवई का कहना है कि 2007 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने कांग्रेस की उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था. वहीं, 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी का समर्थन किया था. इसके बाद 1980 के चुनाव में भी शिवसेना ने कांग्रेस का साथ दिया था.
गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहब थोराट ने एक बयान देकर बड़ा संकेत दिया था कि अगर एनसीपी और शिवसेना मिलकर सरकार बनाने के बारे में सोचते हैं, तो हम दिल्ली में हाईकमान से बात करेंगे.
थोराट ने कहा था कि हमें शिवसेना की ओर से अब तक कोई भी प्रस्ताव नहीं मिला है. अगर उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव आता है, तो हम इस मसले पर दिल्ली में आलाकमान के साथ बातचीत करेंगे.
मालूम हो कि महाराष्ट्र में भाजपा को 105 सीटें मिली हैं. भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने 56 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की है. वहीं, कांग्रेस 44 सीटें अपने नाम कर चुकी है. कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 54 सीटें जीती हैं.