मुंबई : महाराष्ट्र के लातूर विधानसभा सीट से एक उम्मीदवार ने एक मराठी फिल्म से प्रेरित होकर 10 रुपये के सिक्कों में अपनी चुनावी जमानत राशि जमा करायी है. उनका मकसद इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करना है कि स्थानीय दुकानदार इन सिक्कों को वैध मुद्रा नहीं मानते हैं.
मध्य महाराष्ट्र के इस शहर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे संतोष साबदे ने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारी शुक्रवार को सिक्कों में जमानत राशि लेने से हिचक रहे थे, लेकिन अंतत: वे मान गये. विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को 10,000 रुपये जमानत राशि के तौर पर जमा कराने होते हैं. राज्य में 21 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए शुक्रवार नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम दिन था. मार्कंड अनसपुरे अभिनीत 2009 की मराठी फिल्म गलीत गोंधाल दिल्लीत मुजरा में दिखाया गया है कि चुनाव लड़ने वाला नायक सिक्कों में जमानत राशि जमा कराता है और उसे गिनने में अधिकारियों के पसीने छूट जाते हैं. साबदे (28) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने फिल्म देख कर ऐसा किया, लेकिन जनहित में किया. उन्होंने कहा, मैंने फिल्म देखी थी. सिक्कों में जमानत राशि देने का विचार वहीं से आया.
साबदे ने कहा, मुझे नहीं पता, लेकिन लातूर के लोग 10 रुपये का सिक्का लेने में हिचकते हैं, जबकि यह वैध मुद्रा है. इसलिए इस मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए मैंने 10 रुपये के सिक्के जमा कराने का निर्णय किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने उन लोगों से ये सिक्के प्राप्त किये, जो ‘अस्वीकार्यता’ के कारण इसे खर्च नहीं कर पाये थे. चुनाव अधिकारी शुरू में इन सिक्कों को लेने से हिचक रहे थे, जिसके बाद साबदे ने स्थानीय मीडिया से संपर्क किया. साबदे ने कहा, चुनाव अधिकारियों को जब पता चला कि मैं मीडिया से बात कर रहा हूं तब उन्होंने मुझसे संपर्क किया. पहले उन्होंने कहा कि वे 1,000 रुपये सिक्कों में लेंगे और शेष राशि नोट के रूप में लेंगे. उन्होंने कहा, मैंने जब इस बात पर जोर दिया कि ये सिक्के वैध मुद्रा हैं और इन्हें अवश्य स्वीकार किया जाना चाहिए. अंतत: उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया.