Calling a spade a spade ♠️
Pakistan’s attempts to sharpen differences and stir up hatred, are simply put – “hate speech”
India’s full statement as Right of Reply 🔗 https://t.co/jAwhHrI5y9 pic.twitter.com/95aYFif9Hl
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 28, 2019
Advertisement
जानिए कौन हैं विदिशा मैत्रा? जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को धो डाला, उड़ा दी इमरान के भाषण की धज्जियां
नयी दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के झूठ की पोल खोल कर रख दी गई. संयुक्त राष्ट्र में एक भारतीय महिला अधिकारी ने पांच मिनट में ही इमरान खान के 50 मिनट के भाषण की धज्जियां उड़ा दी. आज हम आपको बताएंगे उसी महिला अधिकारी के बारे में. संयुक्त राष्ट्र में […]
नयी दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के झूठ की पोल खोल कर रख दी गई. संयुक्त राष्ट्र में एक भारतीय महिला अधिकारी ने पांच मिनट में ही इमरान खान के 50 मिनट के भाषण की धज्जियां उड़ा दी. आज हम आपको बताएंगे उसी महिला अधिकारी के बारे में.
संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान के प्रोपेगैंडा को बेनकाब करने की जिम्मेदारी भारत ने अपनी सबसे नई ऑफिसर विदिशा मैत्रा को दिया था. विदिशा मैत्रा संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव हैं और यूएन मिशन में वो भारत की सबसे नयी अधिकारी हैं. विदिशा 2009 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी हैं. उन्होंने साल 2008 में सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी.
उन्हें पूरे देश में 39वां रैंक मिला था. 2009 में ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बेस्ट ट्रेनिंग ऑफिसर का अवॉर्ड मिला था. ‘परमानेंट मिशन ऑफ इंडिया टू द यूएन’ की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में पोस्टिंग के बाद उन्हें सुरक्षा परिषद रिफॉर्म से जुड़े मुद्दे देखने की अहम जिम्मेदारी दी गई है. वे सिक्युरिटी काउंसिल (पड़ोस/क्षेत्रीय) से जुड़े मुद्दे देखती हैं. विशेष राजनीतिक मिशन में उनकी अहम भूमिका रहती है.
इसके अलावा गुट निरपेक्ष देशों के साथ समन्वय, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की जिम्मेदारी भी उनके पास है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के जरिए दुनिया के नामी-गिरामी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थान से संपर्क करने का दायित्व भी विदिशा मैत्रा के पास है.
यूएन में पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब
यूएन में ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए विदिशा मैत्रा ने कहा कि ‘भारत पर हमला करने के लिए उन्होंने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया जैसे ‘तबाही’ ‘खून-खराबा’ ‘नस्लीय श्रेष्ठता’, ‘बंदूक उठाना’ और ‘अंत तक लड़ना’, एक मध्ययुगीन मानसिकता को दशार्ता है न कि 21वीं सदी के दृष्टिकोण को.
उन्होंने कहा कि एक पुराने और अस्थायी प्रावधान – अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर जो भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर के विकास और एकीकरण में बाधा था, उस पर पाकिस्तान की नफरत भरी प्रतिक्रिया इस तथ्य की उपज है कि जो लोग लड़ाई में यकीन करते हैं वे कभी भी शांति की किरण का स्वागत नहीं करते.
विदिशा ने पूछा कि क्या इमरान खान इस बात से इनकार कर सकते हैं कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी करार दिए गए 130 दहशतगर्द और 25 संगठन पाकिस्तान में रहते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी करार दिए गए शख्स को पेंशन देता है. उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की आवाज बुलंद करने का दावा करने वाले पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या 23 फीसदी से घटकर 3 फीसदी रह गई है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement