नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश के किसान देश की राजधानी दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं . किसान घाट पर किसान विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपनी प्रंद्रह मांगों को सरकार के सामने रखेंगे. किसानों की यात्रा 11 सितंबर से शुरू हुई थी. पहले भी किसान संगठनों ने सरकार के के साथ बातचीत की थी लेकिन इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय किसान संगठन कर रहे हैं.
हजारों की संख्या ये किसान अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर मोदी सरकार के सामने रखने के लिए सहारनपुर से पैदल यात्रा करते हुए आ रहे है. आसपास के दूसरे जिलों में रुके हजारों किसान शनिवार सुबह तक नोएडा पहुंचे और करीब 11 बजे दिल्ली निकला औऱ सीधे किसान घाट पहुंचेंगे . नोएडा के ट्रांसपोर्ट नगर में पुलिस के पहरे के बीच गाने, भजन और रागनियां गाकर किसानों ने अपनी रात बिताई. आंदोलकारी किसान अपने खाने-पीने और अन्य जरुरत के सामानों का 20 दिन का इंतजाम करके चले हैं.
पूरन सिंह भारतीय किसान संघ के नेता ने कहा, हमारे 11 प्रतिनिधियों को सरकार ने बुलाया है. अगर हमारी मांग पूरी हुई तो हम वापस लौट जायेंगे लेकिन मांग पूरी नहीं हुई तो हम दिल्ली रवाना होंगे. हम अपनी मांगें शांतिपूर्ण तरीके से रखने आए हैं. सरकार हमें रोकेगी तो हम विरोध नहीं करेंगे लेकिन जहां भी रोका जाएगा वहीं पर भूख हड़ताल करेंगे. भारतीय किसान संगठन के उपाध्यक्ष राधे ठाकुर ने बताया कि सहारनपुर से दिल्ली के लिए निकली ‘किसान-मजदूर यात्रा’ में हजारों किसान शामिल हैं. सहारनपुर से दिल्ली के किसान घाट तक पैदल यात्रा कर रहे हैं.
क्या है इनकी मांग
किसान संगठन पूरे देश के किसानों का कर्ज माफ करने की मांग कर रहा है. इसके अलावा मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य. पेंशन, फसल के उचित दाम, दुर्घटना में मृत्यु पर शहीद का दर्जा, दुर्घटना बीमा समेत कई मांगें हैं जिसे लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं.