नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने घर खरीदारों के 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के हेरफेर में आम्रपाली समूह के निदेशकों और ऑडिटरों के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली पुलिस और भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) को फॉरेंसिक ऑडिट (लेखा परीक्षा) रिपोर्ट देने का सोमवार को निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू . यू . ललित की पीठ ने शीर्ष न्यायालय की रजिस्ट्री को आम्रपाली समूह की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सार्वजनिक कंपनी एनबीसीसी को 7.16 करोड़ रुपये का भुगतान करने को भी कहा है. यह पैसा आम्रपाली समूह की ओर से रजिस्ट्री में जमा कराया गया था.
पीठ ने नोएडा , ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों को दिए निर्देश में कहा कि वे घर खरीदारों को निर्माण कार्य पूरा होने का प्रमाण पत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) जारी करने के लिए विशेष प्रकोष्ठ (नोडल सेल) बनाएं.
शीर्ष न्यायालय ने प्राधिकरणों को आम्रपाली मामले का कामकाज देख रहे कोर्ट रिसीवर आर वेंकटरमणी (वरिष्ठ अधिवक्ता) के साथ समन्वय के लिए एक अधिकारी को नियुक्त करने का भी निर्देश दिया है. यह अधिकारी उप प्रबंधक स्तर से नीचे का नहीं होना चाहिए. न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को नियत की.