CJI Gogoi at 18th DP Kohli Memorial Lecture in Delhi yesterday: I ask myself a question, why is that whenever there are no political overtones to a case, the CBI does a good job? https://t.co/Ow2Np4RpAC
— ANI (@ANI) August 14, 2019
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CJI गोगोई ने पूछा- जब किसी मामले का राजनीतिक रंग नहीं होता, तभी सीबीआई अच्छा काम क्यों करती है?
नयी दिल्लीःप्रधान न्यायाधीश(सीजेआई) रंजन गोगोई ने सवाल किया कि ऐसा क्यों होता है कि जब किसी मामले का कोई राजनीतिक रंग नहीं होता, तब सीबीआई अच्छा काम करती है. वो मंगलवार को एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. सीजेआई गोगोई ने दो वर्ष के अंतराल के बाद आयोजित किए गए डीपी कोहली स्मृति व्याख्यान के […]
नयी दिल्लीःप्रधान न्यायाधीश(सीजेआई) रंजन गोगोई ने सवाल किया कि ऐसा क्यों होता है कि जब किसी मामले का कोई राजनीतिक रंग नहीं होता, तब सीबीआई अच्छा काम करती है. वो मंगलवार को एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. सीजेआई गोगोई ने दो वर्ष के अंतराल के बाद आयोजित किए गए डीपी कोहली स्मृति व्याख्यान के 18वें संस्करण में सीबीआई की कमियों और ताकतों के बारे में स्पष्ट बात की और उसे आगे बढ़ने के बारे में सलाह भी दी.
उन्होंने कहा कि यह सच है, कि कई हाई प्रोफाइल और संवेदनशील मामलों में एजेंसी न्यायिक जांच के मानकों को पूरा नहीं कर पाई है. यह बात भी उतनी ही सच है कि इस प्रकार की खामियां संभवत: कभी-कभार नहीं होती. साथ ही कहा कि इस प्रकार के मामले प्रणालीगत समस्याओं को उजागर करते हैं और संस्थागत आकांक्षाओं, संगठनात्मक संरचना, कामकाज की संस्कृति और शासी राजनीति के बीच समन्वय की गहरी कमी की ओर संकेत करते हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों है कि जब किसी मामले का कोई राजनीतिक रंग नहीं होता, तब सीबीआई अच्छा काम करती है. इसके विपरीत स्थिति के कारण विनीत नारायण बनाम भारत संघ मामला सामने आया, जिसमें उच्चतम न्यायालय ने एजेंसी की सत्यनिष्ठा की रक्षा करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश तय किए. सीजेआई ने यह सलाह भी दी कि सीबीआई की जांच प्रक्रिया को किसी राजनीतिक दबाव से दूर रखने के लिए इसको कंट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) के समान वैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इससे सीबीआई सरकार के ‘प्रशासनिक नियंत्रण’ से पूरी तरह ‘अलग’ हो सकेगी. उनका कहना था कि हाल ही में लोकपाल का लागू होना एक अच्छी प्रगति है, लेकिन मौजूदा चुनौती यह तय करने की है कि सीबीआई को कैसे एक सक्षम और निष्पक्ष जांच एजेंसी बनाया जाए जो जनता की सेवा करने के उद्देश्यों से पूरी तरह प्रेरित हो, संवैधानिक अधिकारों और लोगों की स्वतंत्रता को बरकरार रखे और जटिल समय में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हो.
वहीं, सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने मंगलवार को कहा कि पेंचीदा मामलों में जब भी निष्पक्ष जांच की मांग होती है, तब लोग सीबीआई जांच की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि एजेंसी को सरकार, न्यायपालिका और लोगों का विश्वास हासिल है.
डीपी कोहली के 18वें स्मृति व्याख्यान के लिए सीजेआई रंजन गोगोई का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई ने हमेशा ही समर्पण के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने की कोशिश की है. कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय ने सीबीआई की मदद करने और मार्ग दिखाने में अहम भूमिका निभाई है.
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