नयी दिल्ली: मोटर व्हीकल एक्ट राज्यसभा से पास हो गया. इससे पहले 23 जुलाई को ये लोकसभा से पास हो चुका है. बता दें कि मोटर व्हीकल एक्ट 1998 के एक्ट का संसोधन रूप है. राज्यसभा में इस बिल को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रखा. मोटर व्हीकल संसोधन बिल में कई बदलाव किए गए हैं. खासतौर पर इसमें नियमों के उल्लंघन पर जुर्मान की रकम में भारी इजाफा किया गया है.. मोटर व्हीकल संसोधन बिल को राज्यसभा में पक्ष में 108 तो वहीं विरोध में 13 वोट मिले.
बता दें कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि साल 2015 से 2017 के बीच हर साल तकरीबन डेढ़ लाख लोगों की मौत सड़क हादसो में हुई है. उन्होंने कहा कि इस बिल को लाए जाने से पहले हम सड़क हादसों से होने वाली मौतों की संख्या में महज 3 से 4 फीसदी ही कमी ला पाये हैं. उन्होंने कहा कि सड़क हादसों की वजह से देश और मानव संसाधन के निर्माण की प्रक्रिया को काफी नुकसान पहुंचता है.
मोटर व्हीकल संसोधन बिल के मुख्य प्रावधान
- बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों को पहले 200 रुपया जुर्माना देना होता था पर अब 500 रुपया भरना पड़ेगा. किसी वाहन का गैरकानूनी ढंग से इस्तेमाल करते हुए पाये जाने पर अब 500 की जगह 2000 रुपये जुर्माने का भुगतान करना होगा.
- बिना लाइसेंस गाड़ी चलाते हुए पकड़ जाने पर 5000 रुपये के अर्थदंड का भुगतान करना होगा. पहले ये राशि महज 500 रुपये थे.
- सामान्य से ज्यादा बड़ा वाहन प्रतिबंधित मार्ग पर चलाए जाने पर 5 हजार रुपये के जुर्माने का भुगतान करना होगा. ओवरलोडिंग की स्थिति में पकड़े जाने पर 20 हजार रुपये का जुर्माना सहित 2000 रुपये अतिरिक्त यात्री जुर्माना भरना पड़ेगा.
- सामान्य से तेज गति से वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर, छोटे वाहनों पर 1000 रुपये का जुर्माना लगेगा वहीं बड़े वाहनों के लिए 2000 रुपये का भुगतान करना होगा, पहले ये रकम महज 400 रुपये थी. इसके साथ ही शख्स को तीन महीने जेल की सजा भी हो सकती है.
- शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से अधिकांश हादसे होते हैं. ज्यादातर मामलों में मरने वाले युवा होते हैं. इस पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सरकार ने जुर्माने की राशि में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज कर दी गयी है. पहले शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में 1 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान था लेकिन अब इसके लिए 10 हजार रुपये चुकाने होंगे.
- कई बार हादसों की वजह ये सामने आई कि दोपहिया वाहन में सामान्य से ज्यादा लोग सवार थे. अब ऐसे मामले में 2 हजार रुपये का जुर्माना तो भरना पड़ेगा ही साथ ही लाइसेंस हासिल करने की योग्यता से 3 महीनों के लिए डिसक्वालिफाई कर दिया जाएगा. वहीं बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 2 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा.
- लाल बत्ती क्रॉस करने या फिर वाहन चलाते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने पर आपको 5000 रुपये का जुर्माना तो भरना पड़ेगा ही साथ ही एक साल तक कारावास का हवा भी खानी पड़ेगी.
- अगर आप अपने नाबालिग बच्चों को शौक से वाहन चलाने देते हैंं तो सावधान हो जाइए क्योंकि अब नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाए जाने की स्थिति में 25000 रुपये का भारी भरकम जुर्माने का भुगतान तो करना ही पड़ेगा साथ ही जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. इससे संबंधित केस जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में चलेगा.
- अगर आपातकालीन स्थिति में आपने वाहन चलाते हुए एबुंलेंस जैसे वाहनों को रास्ता नहीं दिया तो 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा. साथ ही 6 महीन की जेल भी हो सकती है. या फिर दोनों सजा साथ भुगतनी पड़ सकती है.
घायलों-मृतकों के लिए बनाए गए नियम
- ड्राइवर और क्लीनर का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होगा. हादसे में मृत्यु पर 50 हजार रुपए तक मुआवजे का प्रावधान है. अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत होती है तो 25 हजार से 2 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा. घायल होने पर 12 से 50 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा
- मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड बनाया जाएगा- इसके तहत सड़क पर चलने वाले सभी चालकों का इंश्योरेंस होगा. इस फंड का इस्तेमाल घायलों के इलाज और मौत होने की स्थिति में परिजनों को मुआवजा देने के लिए किया जाएगा.
- लर्निंग लाइसेंस के लिए पहचान पत्र का ऑनलाइन वेरिफिकेशन किया जाएगा. कर्मिशियल लाइसेंस 3 की बजाय 5 साल के लिए मान्य होगा. लाइसेंस का रिन्युवल खत्म होने के एक साल के अंदर कराया जा सकेगा. डाइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोला जाएगा.