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कर्नाटक का सियासी संग्रामः कांग्रेस-JDS सरकार की अग्निपरीक्षा शुरू, तीन बजे तक के लिए सदन स्थगित

कर्नाटक में बीते 15 दिन से जारी सियासी संग्राम आज खत्म हो सकता है. गुरुवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट शुरू हो चुका है. आज ये तय हो जाएगा एचडी कुमारस्वामी की सरकार बचेगी या नहीं. बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस दावा कर रही है कि उनके पास बहुमत है. पढ़िए लेटेस्ट अपडेट… कर्नाटक विधानसभा में […]

कर्नाटक में बीते 15 दिन से जारी सियासी संग्राम आज खत्म हो सकता है. गुरुवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट शुरू हो चुका है. आज ये तय हो जाएगा एचडी कुमारस्वामी की सरकार बचेगी या नहीं. बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस दावा कर रही है कि उनके पास बहुमत है.

पढ़िए लेटेस्ट अपडेट…

कर्नाटक विधानसभा में भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा जब भाषण दे रहे थे, तो कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. उनके भाषण के वक्त डीके शिवकुमार बीच में खड़े हुए और आरोप लगाया कि येदियुरप्पा पूर्व मुख्यमंत्री हैं और देश को गुमराह कर रहे हैं. सिद्धारमैया ने सदन में कहा कि कांग्रेस अपन व्हिप लागू करे, हमें तब भी कोई दिक्कत नहीं है. उनके भाषण के बाद स्पीकर ने 3 बजे तक लंच के लिए सदन को स्थगित करने का फैसला लिया.

कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने बहस के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोपरि है. उन्होंने सदन में कांग्रेस के नेता से कहा कि अभी भी आपके द्वारा जारी व्हिप लागू रहेगा.

कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वासमत पेश कर दिया है. उन्होंने विधानसभा में विश्वासमत पर बोलते हुए बीजेपी पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया.कुमारस्वामी ने कहा, ‘मेरा आत्मसम्मान है और मेरे मंत्रियों की भी. मुझे कुछ सफाई देनी है. सरकार अस्थिर करने का जिम्मेदार कौन है?

11:50 amकर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के विधायक भिड़ गए. कांग्रेस की ओर से जब सिद्धारमैया बोल रहे थे, तब बीजेपी विधायकों ने विरोध किया. इस बीच डीके शिवकुमार बीच में खड़े हुए और बीजेपी वालों पर बरस गए.

11:35 am विश्वास मत पर बोलते हुए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि आज सिर्फ मेरी सरकार पर ही संकट नहीं है, बल्कि स्पीकर पर भी जबरन दबाव बनाया जा रहा है. मैंने अपने कार्यकाल में जनता के लिए काम किया है. कुमारस्वामी ने कहा कि विपक्ष को सरकार गिराने की काफी जल्दी है, भाजपा इतनी जल्दबाजी में क्यों हैं

11:30 am कर्नाटक में विधानसभा प्रस्ताव पर बहस शुरू हो गयी है. इस बीच कांग्रेस के श्रीमंत पाटिल और नागेंद्र विधानसभा में नहीं पहुंचे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस का बागी विधायक आनंद सिंह भी अभी गोवा में ही हैं.

बेंगलुरूः कर्नाटक में पिछले दो सप्ताह से चल रहे सियासी घमासान का अंत आज हो सकता है. गुरुवार को कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार को विश्वासमत पेश करना है. इससे साफ हो जाएगा कि एचडी कुमारस्वामी की सरकार बचेगी या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को बागी विधायकों के इस्तीफे या अयोग्य किए जाने पर फैसला लेने की छूट दे दी थी.

बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस दावा कर रही है कि उनके पास बहुमत है. अब से कुछ देर में कर्नाटक विधानसभा का सेशन शुरू होने वाला है. इससे पहले बीजेपी विधायक दो बसों में विधानसभा पहुंचे हैं. उनके अलावा कांग्रेस की तरफ से भी लोग पहुंच रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया विधानसभा पहुंच गए हैं.

फ्लोर टेस्ट से पहले आसपास की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. विधानसभा के दो किमी. के आसपास धारा 144 लगा दी गयी है. कांग्रेस और जेडीएस सरकार पर संकट का ये बादल 16 विधायकों के बगावत से मंडरा रहा है, हालांकि एक बागी विधायक ने सरकार के पक्ष में वोट करने का ऐलान किया है, जबकि बाकी बागी विधायकों का दावा है कि वो फ्लोर टेस्ट में हिस्सा नहीं लेंगे.

कांग्रेस-जदएस सरकार का भविष्य अधर में
विश्वासमत में कांग्रेस-जदएस सरकार का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है. उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सत्ताधारी दल के बागी विधायकों ने फ्लोर टेस्ट में हिस्सा न लेने का ऐलान किया है. कर्नाटक के विधानसभाध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने बागी विधायकों के इस्तीफों पर निर्णय की उन्हें स्वतंत्रता देने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया. कहा कि वह संविधान के सिद्धांतों के अनुरूप जिम्मेदार तरीके से कार्य करेंगे.
225 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा (एक मनोनीत समेत) में वैसे तो जादुई आंकड़ा 113 है लेकिन कांग्रेस और जेडीएस के 15 विधायकों की बगावत के बाद तस्वीर बदल गई है. अब सामान्य बहुमत हासिल करने के लिए मैजिक नंबर घटकर 106 पर पहुंच गया है.
अगर 15 विधायक (एक ने इस्तीफा वापस लिया) वोटिंग में गैरहाजिर रहते हैं तो कुल संख्याबल 210 पहुंच जाएगा. कांग्रेस के एक बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. बीजेपी के पास कुल 105 विधायक हैं. यानी बागियों के वोटिंग से बाहर रहने की सूरत में उसे कुमारस्वामी की सरकार गिराने के लिए सिर्फ एक विधायक का समर्थन जरूरी होगा. दो निर्दलीय विधायकों (एच नागेश और आर शंकर) ने पहले ही बीजेपी को समर्थन दे रखा है. अगर बागी विधायक सत्ताधारी दल को समर्थन दल नहीं मिलता है तो सरकार का जाना तय है.

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