नयी दिल्लीःकर्नाटक में उपजे सियासी संकट को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मुकुल रोहतगी से विधायकों के इस्तीफे की तारीख पूछी. इसके अलावा उन्हें अयोग्य करार दिए जाने की तारीख भी पूछी. जिसके जवाब में मुकुल रोहतगी ने कहा कि 10 जुलाई को 10 विधायकों ने इस्तीफा दिया, वहीं सिर्फ दो विधायकों का अयोग्य करार दिया जाना 11 फरवरी से पेंडिंग है. इसके अलावा सीजेआई ने बाकी पांच विधायकों के बारे में पूछा, जिसके जवाब में मुकुल रोहतगी ने बताया कि वे सभी भी इस्तीफा दे चुके हैं.
Hearing in the matter of rebel Karnataka MLAs: Mukul Rohatgi, representing 10 rebel MLAs says, "This is an attempt to scuttle their resignations. The Speaker is trying to make a decision on both the issues-resignation and disqualification-at the same time." pic.twitter.com/RkbVWxjKti
— ANI (@ANI) July 16, 2019
बागी विधायकों की तरफ से मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर व्यक्ति विधायक नहीं रहना चाहता है, तो कोई उन्हें फोर्स नहीं कर सकता है. विधायकों ने इस्तीफा देने का फैसला किया और वापस जनता के बीच जाने की ठानी है. अयोग्य करार दिया जाना इस इच्छा के खिलाफ होगा. सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि जिन विधायकों ने याचिका डाली है अगर उनकी मांग पूरी होती है तो कर्नाटक की सरकार गिर जाएगी. स्पीकर जबरन इस्तीफा नहीं रोक सकते हैं.
इसी दौरान चीफ जस्टिस ने मुकुल रोहतगी से अयोग्य करार दिए जाने के नियमों के बारे में पूछा. चीफ जस्टिस ने इस दौरान कहा कि हम ये तय नहीं करेंगे कि विधानसभा स्पीकर को क्या करना चाहिए, यानी उन्हें इस्तीफा स्वीकार करना चाहिए या नहीं. हालांकि, हम सिर्फ ये देख सकते हैं कि क्या संवैधानिक रूप से स्पीकर पहले किस मुद्दे पर निर्णय कर सकता है.
बागी विधायकों की तरफ से मुकुल रोहतगी ने इस दौरान केरल, गोवा, तमिलनाडु हाईकोर्ट के कुछ फैसलों के बारे में बताया. जिसमें स्पीकर को पहले इस्तीफे पर विचार करने को कहा गया है और अयोग्य के लिए फैसले को बाद में. उन्होंने कहा कि केरल की अदालत ने तो तुरंत इस्तीफा स्वीकार करने की बात कही थी.
बागी विधायकों की तरफ से मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधायक कोई ब्यूरोक्रेट या कोई नौकरशाह नहीं हैं, जो कि इस्तीफा देने के लिए उन्होंने कोई कारण बताना पड़े. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर हम आपकी बात मानें, तो क्या हम स्पीकर को कोई ऑर्डर दे सकते हैं? आप ही बताएं कि ऐसे में क्या ऑर्डर हम दे सकते हैं?
बता दें कि बागी विधायकों ने विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार द्वारा इस्तीफा मंजूर न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सभी बागी विधायक मुंबई के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं. इस बीच कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने सोमवार को ऐलान किया कि 18 जुलाई को विधानसभा में विश्वासमत पर चर्चा होगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस-जेडीएस ने गुरुवार को विश्वासमत पर चर्चा करने का ऐलान कर राज्य की कुमारस्वामी सरकार के लिए और ज्यादा समय जुटाने का प्रयास किया है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो दिन बाद विश्वासमत पर चर्चा होने से कांग्रेस-जेडीएस सरकार बचाने के लिए बागी विधायकों से डील कर सकेगी. इस बीच भाजपा ने विश्वास जताया है कि उनकी सरकार बनने जा रही है, वहीं कुमारस्वामी ने कहा है कि उनकी सरकार पर कोई संकट नहीं है. विधानसभा स्पीकर ने भले ही 18 जुलाई को विश्वासमत पर चर्चा के लिए दिन तय किया है लेकिन सरकार के अस्तित्व के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद अहम होगा.