प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को बरेली के भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा और उनके पति अजितेश को पुलिस सुरक्षा प्रदान की.
कोर्ट रूम से बाहर निकलते समय कुछ वकीलों ने उनके साथ धक्कामुक्की और हाथापाई की, लेकिन अन्य वकीलों ने उन्हें बचा लिया. कैंट थाना के एसएचओ ए.के. गौतम ने बताया कि कोर्ट रूम से निकलते समय बरामदे में कुछ वकीलों ने साक्षी और उसके पति अजितेश से हाथापाई और धक्कामुक्की की, लेकिन अन्य वकीलों ने उन्हें बचा लिया.
उन्होंने बताया कि साक्षी और अजितेश ने इस बारे में थाने में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है. मीडिया में मारपीट के संबंध में आ रही खबरें निराधार हैं. साक्षी और उसके पति ने अदालत से सुरक्षा मांगी थी कि उनके शांतिपूर्ण जीवन में किसी तरह की दखलअंदाजी न की जाए.
एक वकील ने बताया कि अदालत के इस आदेश की तामील, आदेश की प्रति पर हस्ताक्षर होने के बाद और इसे जिला प्रशासन को मुहैया कराने के बाद होगी. आज जब इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई उस समय साक्षी और उसका पति सुनवाई के समय अदालत में मौजूद थे.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने साक्षी और उसके पति को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश पारित किया. इन्होंने दलील दी थी कि साक्षी के पिता से इनकी जान को खतरा है क्योंकि वे उनकी शादी से नाखुश हैं जिसकी वजह अजितेश का दलित जाति से होना है. इस बीच, अदालत परिसर से बाहर एक दंपति का अपहरण होने की घटना से इलाके में सनसनी फैल गई और लोगों को लगा कि साक्षी और अजितेश का अपहरण हो गया है.
अपर पुलिस महानिदेशक एस एन साबत ने संवाददाताओं को बताया, एक टीवी चैनल के माध्यम से सूचना मिली कि हाईकोर्ट के पास से एक युवक और एक युवती का अपहरण हो गया है. सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर उस वाहन की पहचान की गई और हमने प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर और आसपास के सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया.
जांच के दौरान फतेहपुर के थाना कल्याणपुर क्षेत्र में उस वाहन (स्कार्पियो-यूपी20-बीएच 7786) को रोका गया जिससे पता लगा कि उसमें एक लड़का और एक लड़की, जिसका नाम रूबी है, दोनों थे. इनके साथ वाहन में लड़की के पिता खुर्शीद सहित छह लोग और भी थे. साबत ने बताया कि जानकारी करने पर पता चला कि अमरोहा के नौगांव सादाद थाना में 14 जुलाई, 2019 को एक एफआईआर दर्ज कराई गई है जिसमें धारा 506, 504, 363 और 366 (नाबालिग लड़की का अपहरण) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
उन्होंने बताया, मैंने एडीजी बरेली और एडीजी (कानून व्यवस्था) व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात की जिससे पता चला कि 11 जुलाई को ही लड़की और लड़का वहां से निकले थे. चूंकि यह लड़की नाबालिग है और मामला दर्ज है, तो इस लड़की को भगाने वाले लड़के के खिलाफ कार्रवाई होना तय है.