नयी दिल्ली : यदि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का कोई भी अभ्यर्थी व्यावसायिक प्रशिक्षण लेना चाहता है, तो उसे अब किसी तरह की फीस का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) में व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए शामिल होने वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को कोई शुल्क नहीं देना होगा.
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यहां मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ महेंद्र पांडेय की अध्यक्षता में पहली समीक्षा बैठक में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) में व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए शामिल होने शुल्क में छूट देने का फैसला किया गया. बयान के अनुसार, इस निर्णय का मकसद समाज के वंचित तबकों के लिए कौशल माहौल को मजबूत बनाना है. पांडेय ने आज कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का पदभार संभाला.