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पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा – EC को EVM,VVPAT के बारे में संदेह दूर करना चाहिए

बेंगलुरू : पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने शनिवार को कहा कि ईवीएम-वीवीपैट प्रणाली में छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग को विपक्ष और लोगों को समझाकर उसके बारे में संदेह को दूर चाहिए. हाल के लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और […]

बेंगलुरू : पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने शनिवार को कहा कि ईवीएम-वीवीपैट प्रणाली में छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग को विपक्ष और लोगों को समझाकर उसके बारे में संदेह को दूर चाहिए.

हाल के लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ट्रेल मशीन) से छेड़छाड़़ की जा रही है. चुनाव आयोग ने आरोपों को खारिज कर दिया था.

आरोपों के बारे में टिप्पणी पूछे जाने पर कुरैशी ने कहा, ईवीएम या वीवीपैट प्रणाली में छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है. मशीन अलग आंकड़े नहीं दिखा सकती. उन्होंने कहा, प्रत्येक बार आप बटन दबाएंगे, उसमें एक ही आंकड़ा होगा. मैं आरोप समझ भी नहीं पा रहा. यद्यपि चुनाव आयोग को विपक्ष और लोगों को यह समझाना चाहिए कि प्रणाली पुख्ता है. हमें लोगों को साथ लेना होगा.

उन्होंने यहां दिल्ली स्थित डिजिटल मीडिया कंपनी डाटालीड की वेबसाइट शुरू होने के मौके पर कहा कि लोगों का विश्वास बरकरार रखना होगा और उसे जीतना होगा. कुरैशी ने कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ नहीं हो सकती क्योंकि कई जांचें होती हैं. उन्होंने कहा, अभी तक कोई भी यह साबित नहीं कर पाया है कि इससे छेड़छाड़ हो सकती है और वीवीपैट शुरू होने के बाद छेड़छाड़ की कोई भी आशंका पूरी तरह से समाप्त हो जानी चाहिए.

मतपत्र प्रणाली की ओर वापस लौटने की विपक्ष की मांग पर कुरैशी ने कहा कि ईवीएम समाप्त करने की बजाय, इन मशीनों में सुधार की संभावना तलाशी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, मतपत्र की ओर वापस लौटने का कोई सवाल नहीं है. हम वीवीपैट और ईवीएम प्रणाली में सुधार करते रहे हैं। यदि और सुधार की जरुरत होगी, उसे देखा जाना चाहिए.

23 मई को मतगणना से दो दिन पहले ईवीएम में कथित छेड़छाड़ को लेकर एक राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया था. उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने 21 राजनीतिक दलों की ओर से दायर उस अर्जी को खारिज कर दिया था. उक्त अर्जी में उससे आठ अप्रैल के उस आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया गया था जिसमें चुनाव आयोग को निर्देश दिया गया था कि प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच पोलिंग बूथ के ईवीएम के वोटों का मिलान वीवीपैट पर्चियों से किया जाए.

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