नयी दिल्ली : सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वत के एक मामले में उसे जांच के लिए और समय चाहिए, जिससे वह स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच कर सके. सीबीआई, अस्थाना और दो अन्य के वकीलों के प्रतिवेदन सुनने के बाद न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने सीबीआई की जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने से जुड़ी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया.
सीबीआई ने अस्थाना, डीएसपी देवेंद्र कुमार और बिचौलिये मनोज प्रसाद के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सीबीआई की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल (एएसजी) विक्रमजीत बनर्जी ने कहा कि वे अदालत के जनवरी में दिये गये आदेश का पालन कर रहे थे, जिसमें उसने एजेंसी से 10 हफ्तों के अंदर इस मामले की जांच पूरी करने को कहा था.
उन्होंने कहा, हम स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच कर रहे हैं. हम सिर्फ जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाये जाने की मांग कर रहे हैं. हम अदालत के 11 जनवरी के फैसले की समीक्षा की मांग नहीं कर रहे, यह मेरे मामले का सार है.
अदालत को बताया गया कि कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें उनके और अन्य की अपने खिलाफ दायर की गयी याचिकाओं को खारिज करने के आदेश को रद्द करने की मांग की गयी थी.