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डॉ रमन सिंह के पूर्व चीफ सेक्रेटरी अमन सिंह की पत्नी यास्मीन सिंह की नियुक्ति की होगी जांच

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह की पत्नी की नियुक्ति की जांच कराने का आदेश दिया है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने अमन सिंह की पत्नी यास्मीन सिंह की नियुक्ति […]

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह की पत्नी की नियुक्ति की जांच कराने का आदेश दिया है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने अमन सिंह की पत्नी यास्मीन सिंह की नियुक्ति को लेकर राज्य शासन से शिकायत की है. शिकायत के बाद राज्य शासन ने इस मामले की जांच का जिम्मा कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग की प्रमुख सचिव रेणु जी.पिल्ले को सौंप दिया है. जांच के लिए तीन महीने की समय-सीमा निर्धारित की गयी है.

अधिकारियों ने बताया कि यास्मीन सिंह लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत संचार एवं क्षमता विकास इकाई (सी.सी.डी.यू) में संचालक, प्रचार-प्रसार एवं क्षमता वर्धन के पद पर कार्यरत थी. कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने राज्य शासन से की गयी शिकायत में कहा है कि सिंह की इन्टरनेट पर उपलब्ध प्रोफाइल के अनुसार वह देश की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना है. विभिन्न वर्षों में उनके द्वारा देश के अनेक भागों में प्रस्तुति दिये जाने का विवरण दर्ज है. वह पूर्णकालिक कथक नृत्यांगना है तथा उनके द्वारा कोई भी शासकीय कार्य नहीं किया गया है.

शिकायत में कहा गया कि सिंह की नियुक्ति लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में नवंबर वर्ष 2005 में की गयी थी. विभाग में उनकी नियुक्ति संचालक, संचार, क्षमता विकास इकाई (सीसीडीयू) में संविदा आधार पर की गयी थी. इनको इस पद पर बिना योग्यता के सिर्फ अमन सिंह की पत्नी होने के कारण चयनित किया गया था. नियुक्ति के समय उन्हें हर महीने 35 हजार रुपये का मानदेय तय हुआ था, जो बाद में बढ़कर गुपचुप ढंग से एक लाख रुपये हर महीने कर दिया गया.

शिकायत में कहा गया कि सिंह 14 वर्ष संविदा अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं, लेकिन उनका ज्यादातर कार्य नृत्यांगना के रूप में प्रचारित होता था. उन्हें तत्कालीन राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के द्वारा अत्यधिक मानदेय पर नृत्य के लिए आमंत्रित किया जाता था. जब छत्तीसगढ़ के अनेक वरिष्ठ कलाकार काम के लिए तरसते थे, तब उन्हें एक कार्यक्रम के लिए डेढ़-दो लाख रुपये दिये जाते थे.

तिवारी ने शिकायत में कहा है कि संबंधित विभागों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिंह की संविदा नियुक्ति वर्ष 2005 में हुई तथा लगातार 10 दिसंबर, 2018 तक इनकी संविदा बढ़ायी गयी, लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पास इनके कार्य, अवकाश, नृत्य प्रदर्शन के लिए अनुमति इत्यादि की कोई भी जानकारी संधारित नहीं है.

अधिकारियों ने बताया कि तिवारी की शिकायत के बाद राज्य शासन ने इस मामले की जांच कराने का फैसला किया है. राज्य शासन ने मामले की जांच के लिए रेणु जी. पिल्ले, प्रमुख सचिव, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया है. जांच के लिए तीन महीने की समय-सीमा निर्धारित की गयी है.

इधर, यास्मीन सिंह ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि उन्हें इस संबंध में समाचार माध्यमों से जानकारी मिली है तथा ऐसे सभी आरोप झूठे और निराधार हैं. उन्होंने कहा कि मैंने खुद को नियुक्त नहीं किया था. इसलिए अगर राज्य सरकार को मेरी नियुक्ति के संबंध में कोई चिंता है, तो उनसे पूछताछ की जानी चाहिए, जो मुझे नियुक्त करने के लिए जिम्मेदार थे. राज्य सरकार से अनुचित लाभ प्राप्त करने का आरोप भी झूठा और निराधार है.

यास्मीन ने कहा कि ऐसा महसूस हो रहा है कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा पूर्ववर्ती सरकार के प्रशासन में रहे लोगों और उनके परिवार को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से परेशान किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार के दौरान अमन सिंह मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव थे तथा वह यहां सबसे प्रभावशाली नौकरशाह थे. राज्य में वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद अमन सिंह तथा उनकी पत्नी यास्मीन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

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