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रक्षा सौदा मामले में अरुण जेटली ने राहुल गांधी पर लगाया आरोप, अमिताभ के भाई अजिताभ पर भी साधा निशाना

नयी दिल्ली : भाजपा ने यूपीए के शासनकाल में ऑफसेट करार पाने वाली एक रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी से कथित संबंधों को लेकर शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा और इस पर कांग्रेस से प्रतिक्रिया मांगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया और गांधी पर निशाना साधने […]

नयी दिल्ली : भाजपा ने यूपीए के शासनकाल में ऑफसेट करार पाने वाली एक रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी से कथित संबंधों को लेकर शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा और इस पर कांग्रेस से प्रतिक्रिया मांगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया और गांधी पर निशाना साधने के लिए जिस जानकारी को उन्होंने आधार बनाया, वो भी साझा की. इसके साथ ही, उन्होंने इस मामले में मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन के भाई अजिताभ बच्चन पर भी इस सौदे में शामिल होने का आरोप लगाया.

जेटली ने कहा कि यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जो डिफेंस डील पुशर था और अब प्रधानमंत्री बनना चाह रहा है. इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आरोप खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप है और इनकी पुष्टि करने की जरूरत है. जेटली ने प्रेस वार्ता में कहा कि राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भारत में 2002 में पंजीकृत कंपनी बैकॉप्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक थे और तभी इसी नाम की एक कंपनी का पंजीकरण ब्रिटेन में कराया गया, जिसमें राहुल गांधी और युलरिक मैकनाइट निदेशक थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक नकद के लिए प्रभावित करने वाली कंपनी थी और मैकनाइट राहुल गांधी के सोशल गैंग का हिस्सा थे और उनकी शादी एक कांग्रेस नेता की बेटी से हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी और मैकनाइट ने लंदन के उसी पते को पंजीकृत कराया था, जिसके मालिक अभिनेता अमिताभ बच्चन के भाई अजिताभ बच्चन थे.

वित्त मंत्री ने कहा कि 2009 में राहुल गांधी ने ब्रिटेन की कंपनी छोड़ दी और भारतीय कंपनी 2010 में बंद हो गयी, लेकिन उनका साझेदार विभिन्न कंपनियों के साथ जुड़ा रहा. उन्होंने कहा कि मैकनाइट का एक फ्रांसीसी कंपनी से ऑफसेट करार हुआ था, जिसे भारतीय नौसेना से पनडुब्बियों के उत्पादन का काम मिला था.

गांधी पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि सवाल अब यह है कि आप अब लोगों में अपने बारे में क्या राय बनते देखना चाहते हैं. आप दूसरों के बारे में सबूत नहीं होते हुए भी राय पेश कर रहे हैं. आपने खुद की बनायी एक संदिग्ध कंपनी से दूरी बना ली और फिर आपके साझेदार को ऑफसेट काम करने का करार मिल जाता है.

राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर राहुल गांधी के लगातार हमलों का परोक्ष जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि वह खुद भी एक ऑफसेट करार के लाभार्थी रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल की खुद की क्या भूमिका थी? क्या वह रक्षा कारोबारी बनना चाहते थे. बहुत गंभीर विषय है और हम चाहते हैं कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जल्द से जल्द जवाब दे. कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि वह सोचते हैं कि क्या बेहतर होता कि राहुल रक्षा व्यापार में ही बने रहते और राजनीति में नहीं आते.

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