नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि आय कर रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन को आधार के साथ जोड़ना अनिवार्य है. न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत पहले ही इस मामले में फैसला सुनाते हुए आय कर कानून की धारा 139एए को सही ठहरा चुकी है.
शीर्ष अदालत ने श्रेया सेन ओर जयश्री सतपुड़े को वर्ष 2018-19 का आय कर रिटर्न पैन नंबर को आधार से जोड़े बगैर ही दाखिल करने की अनुमति देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केन्द्र की अपील पर यह निर्देश दिया. पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस तथ्य के मद्देनजर यह आदेश दिया था कि मामला शीर्ष अदालत में विचारार्थ लंबित है. इसके बाद, चूंकि शीर्ष अदालत ने इस मामले में पिछले साल 26 सितंबर को फैसला सुना दिया और आय कर कानून की धारा 139एए को बरकरार रखा है, इसलिए पैन नंबर को आधार से जोड़ना अनिवार्य है.
पीठ ने केंद्र की अपील का निबटारा करते हुए स्पष्ट किया कि कर आकलन वर्ष 2019-20 के लिए आय कर रिटर्न शीर्ष अदालत के फैसले के अनुरूप दाखिल करना होगा. पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 26 सितंबर, 2018 को अपने फैसले में केंद्र की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध करार देते हुए कहा था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन नंबर के आवंटन के लिए आधार अनिवार्य होगा, परंतु बैंक खातों के लिए आधार आवश्यक नहीं है. इसी तरह मोबाइल कनेक्शन के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाता भी आधार नहीं मांग सकते हैं.