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Lok Sabha Election 2019 : गठबंधन के लिए दवाब में नहीं आयेगी कांग्रेस, चुनाव पर नजर

गठबंधन की नयी रणनीति पर कांग्रेस कर रही है काम, चुनाव बाद सबसे बड़े दल के तौर पर चाहती है उभरनानयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन से बाहर होने के बाद कांग्रेस विभिन्न राज्यों में गठबंधन बनाने के लिए नयी रणनीति पर काम कर रही है. विभिन्न स्तरों पर गठबंधन के प्रयास किये […]

गठबंधन की नयी रणनीति पर कांग्रेस कर रही है काम, चुनाव बाद सबसे बड़े दल के तौर पर चाहती है उभरना
नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन से बाहर होने के बाद कांग्रेस विभिन्न राज्यों में गठबंधन बनाने के लिए नयी रणनीति पर काम कर रही है. विभिन्न स्तरों पर गठबंधन के प्रयास किये जा रहे हैं. लेकिन, पार्टी का मुख्य जोर सहयोगी दलों के दवाब में आये बिना गठबंधन करने का है. कई कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि यूपी में सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं करने पर हैरान होने वाली बात नहीं है. पार्टी का मानना है कि कांग्रेस के मजबूत होने पर मुस्लिम वोटों पर इन दलों की दावेदारी कमजोर होगी. कांग्रेस का मानना है कि अगर चुनाव के बाद किसी दल को बहुमत नहीं मिला तो कई क्षेत्रीय दलों के पास कांग्रेस को समर्थन देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. लेकिन, चुनाव के बाद कांग्रेस की कोशिश सबसे बड़े दल के तौर पर उभरने की है ताकि सत्ता की कमान उसके हाथों में रहे.

बिहार-झारखंड के लिए फॉर्मूला : कांग्रेस चाहती है कि बिहार में राजद 18 सीटों पर चुनाव लड़े और बाकी 22 सीट सहयोगी दलों के लिए छोड़ दे. कांग्रेस इसे आपसी सहमति से बांट लेगी. झारखंड की कुल 14 सीटों में झामुमो को चार सीट पर लड़ने के लिए राजी किया जा रहा है और बाकी बची 10 सीट कांग्रेस सहयोगी दल झारखंड विकास मोर्चा और खुद में बांट लेगी.

तेजस्वी का मायावती से मिलना दबाव की राजनीति
गठबंधन नहीं होने की स्थिति में भी कांग्रेस किसी भी दल के साथ संबंध खराब नहीं करना चाहती है. पार्टी का मानना है कि चुनाव बाद गठबंधन के लिए ऐसा करना जरूरी है. बिहार में जिस तरह से विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलकर सपा-बसपा गठबंधन की तारीफ की है, उसे कांग्रेस दबाव की राजनीति के तौर पर ही देख रही है. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस तृणमूल की बजाय माकपा से सीट बंटवारे पर चर्चा कर रही है.

रालोद, सपा-बसपा गठबंधन का हिस्सा : जयंत
लखनऊ. रालोद ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी सपा-बसपा गठबंधन का हिस्सा रहेगी, लेकिन वह कितनी सीटों पर यूपी में लोस चुनाव लड़ेगी, इसपर अभी फैसला नहीं हुआ है. रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने बुधवार की दोपहर को अखिलेश यादव से उनके कार्यालय में मुलाकात की. मुलाकात के बाद जयंत ने बताया कि अखिलेश से अच्छी वार्ता हुई है जल्द ही निर्णय के बारे में बताया जायेगा.

तमिलनाडु कांग्रेस का मोदी पर हमला, कहा- उनका आमंत्रण स्वीकार करने वाला कोई नहीं
चेन्नई. लोकसभा चुनावों में गठबंधन के लिए भाजपा के दरवाजे खुले रखने के प्रधानमंत्री मोदी के बयान के कुछ दिनों के बाद कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कि उनके आमंत्रण को कोई स्वीकार करने वाला नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक जनसभा के दौरान कहा था कि गठबंधन के लिए अपनी पार्टी का दरवाजा खुला रखा है, लेकिन सच्चाई यह है कि एक भी राजनीतिक दल अंदर आने के लिए तैयार नहीं है. चाहे वह तमिलनाडु हो अथवा कोई अन्य प्रदेश. कोई भी दल भाजपा से हाथ मिलाना नहीं चाहता.

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