नयी दिल्ली : भाजपा ‘मिशन 2019′ की शुरुआत 11-12 जनवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक से करेगी, जहां देशभर के पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जीत’ का मंत्र देंगे. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राष्ट्रीय परिषद की बैठक का उद्घाटन करेंगे, जबकि शनिवार को बैठक के समापन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मिशन 2019′ के लिए पार्टी का मुख्य चुनावी नारा भी देंगे. यह अब तक की सबसे बड़ी राष्ट्रीय परिषद होगी, जिसमें देशभर से लगभग 12 हजार प्रमुख कार्यकर्ता जुटेंगे.
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दरअसल, यह बैठक समान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान करने वाले संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा की मंजूरी मिलने के बीच हो रही है. इसने हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी को मिली हार के बाद भगवा पार्टी के मनोबल को बढ़ाया है.
सवर्ण आरक्षण को भुनाने पर होगा मंथन
भाजपा का मानना है कि राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून लागू हो जायेगा. इससे हिंदीभाषी राज्यों में अगड़ी जाति के मतदाता पार्टी के समर्थन में आयेंगे. साथ ही, जाट, पाटीदार, मराठा और राजनीतिक रूप से अन्य महत्वपूर्ण समुदायों में भी उसकी अपील मजबूत होगी. पार्टी का एक हिस्सा मानता है कि अगड़ी जाति के मतदाताओं के आक्रोश का खामियाजा उसे हालिया विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ा.
सामाजिक न्याय के मसलों पर भी की जायेगी चर्चा
पार्टी सूत्रों ने बताया कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देना, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार पर कानून को मजबूत बनाने जैसे मोदी सरकार के कदमों को भी रेखांकित किया जायेगा और इसे उसकी ‘सामाजिक न्याय’ परियोजना के हिस्से के तौर पर पेश किया जायेगा. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने समाज के हर तबके को सशक्त बनाया है. पार्टी विस्तार से इस बारे में बात करेगी.
किसानों के हितों के लिए मोदी सरकार के कदमों पर होगी चर्चा
सूत्रों ने बताया कि किसानों के लिए पार्टी नीत सरकार द्वारा उठाये गये कदमों और गरीबों के कल्याण के लिए चलायी गयी विभिन्न योजनाओं और आर्थिक विकास के लिए उठाये गये कदमों पर भी चर्चा की जायेगी. गौरतलब है कि किसानों की कर्ज माफी और राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है. इस बारे में पूछे जाने पर भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख एवं राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने बताया था कि यह देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं का ‘महासंगम’ होगा, जहां से हम अपने विजय अभियान की शुरुआत करेंगे.
एनडीए के सहयोगियों से तल्ख रिश्तों के बीच हो रही बैठक
उन्होंने कहा था कि इस बैठक में हर प्रदेश से पार्टी कार्यकर्ता आयेंगे. बैठक के दौरान प्रस्ताव भी पास होंगे. यह बैठक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से तेलगू देशम पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, असम गण परिषद के अलग होने तथा शिवसेना, अपना दल (एस), ओमप्रकाश राजभर की अगुवाई भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के साथ तल्ख रिश्तों की पृष्ठभूमि में हो रही है.
राम मंदिर निर्माण के मसले पर स्थिति की जायेगी साफ
यह पहला मौका है, जब भाजपा अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक को विस्तृत स्वरूप देने जा रही है. इसमें हर लोकसभा क्षेत्र के लगभग 10 प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे. बैठक में सभी सांसदों, विधायकों, परिषद के सदस्यों, जिला अध्यक्षों व महामंत्रियों के साथ हर क्षेत्र के विस्तारकों को भी बुलाया गया है. बैठक में राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों समेत तीन प्रमुख प्रस्तावों के पारित किये जाने की संभावना है. इसमें राम मंदिर के मुद्दे पर भी पार्टी का रूख स्पष्ट किया जा सकता है. इस विषय पर आरएसएस समेत हिन्दुवादी संगठन मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.
कांग्रेस और समर्थित सरकारों के 60 साल के कामकाज की होगी समीक्षा
समझा जाता है कि बैठक में कांग्रेस और उसकी समर्थित सरकारों के साठ साल के कामकाज की तुलना भी रखी जायेगी और बताया जायेगा कि वर्तमान सरकार के दौरान कितनी तेजी से विकास हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा जोर भ्रष्टाचारमुक्त सरकार पर दिया जायेगा और कांग्रेस की पिछली सरकारों के घोटालों की तुलना करते हुए भाजपा अपनी बेदाग सरकार को जनता के सामने लेकर जायेगी. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय और राज्यों के पदाधिकारियों समेत अन्य नेता भी शामिल होंगे.