नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में वायुसेना के पूर्व प्रमुख और सह-आरोपी एसपी त्यागी के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को वह निरस्त कर दे. विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने जांच एजेंसी से कहा कि वह इस बाबत संबद्ध अधिकारियों को सूचित कर दे.
सीबीआई ने वर्ष 2013 में त्यागी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था. यह सकुर्लर इसलिए जारी किया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि जो व्यक्ति यात्रा कर रहा है वह कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा वांछित तो नहीं है. सीबीआई ने एक सितंबर 2017 को मामले में आरोप पत्र दायर किया था जिसमें अन्य आरोपियों के साथ त्यागी और ब्रिटेन के नागरिक क्रिश्चियन मिशेल का नाम शामिल किया था. वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वतखोरी के सिलसिले में जो आरोप पत्र दायर किया गया उसमें अन्य नौ लोगों के नाम भी थे. त्यागी (73) भारतीय वायुसेना के ऐसे पहले प्रमुख हैं, जिनका नाम सीबीआई ने भ्रष्टाचार या आपराधिक मामले में आरोप पत्र में शामिल किया है. हालांकि, त्यागी ने सभी आरोपों से इनकार किया है.
एक जनवरी 2014 को भारत ने इटली की फिनमैकेनिका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ भारतीय वायुसेना को 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की आपूर्ति करने के सौदे को रद्द कर दिया था. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इस सौदे को हासिल करने के लिए 423 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और सौदे में कथित अनुबंध दायित्वों के कथित उल्लंघन के आरोप लगे. इस सौदे पर आठ फरवरी 2010 को हस्ताक्षर हुए थे. सीबीआई ने आरोप लगाया कि इस सौदे में सरकारी खजाने को 2,666 करोड़ रुपये की चपत लगी. अदालत में पेश आरोप पत्र में त्यागी के अलावा सेवानिवृत्त एयर मार्शल जेएस गुजराल और पांच विदेशी नागरिकों समेत आठ अन्य के नाम थे. अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी भी आरोपियों में से एक है.