नयी दिल्ली : 2019 लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने की संभावना के रूप में सामने आया, उसपर गडकरी ने जवाब देते हुए कहा कि मैं जहां हूं खुश हूं… जब गडकरी से पीएम पद के उम्मीदवार बनने की संभावना के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने साफ लहजे में कहा कि ऐसा कोई सवाल ही नहीं उठता, मैं अभी जहां हूं वहां बहुत खुश हूं…
"No there is no chance. I am happy where I am right now", said Union Minister Nitin Gadkari while responding to a question on probability of him becoming Prime Ministerial candidate face in the 2019 elections, replacing PM Narendra Modi
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— ANI Digital (@ani_digital) December 20, 2018
यदि आपको याद हो तो कुछ दिन पूर्व महाराष्ट्र की एक संख्या के मुखिया ने संघ को पत्र लिखकर गडकरी को 2019 में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग की थी. इस प्रकरण के बाद से सबके जेहन में यह सवाल उठने लगा था कि क्या गडकरी 2019 लोकसभा चुनाव में पीएम की रेस में शामिल हैं?
न्यूज एजेंसी एएनआइ के साथ साक्षात्कार में गडकरी ने कहा कि मैं जहां हूं, उस काम से बेहद खुश हूं. मुझे पहले गंगा को लेकर किये गये वादे को पूरा करना है, 13-14 देशों को जोड़ने वाले एक्सप्रेस हाईवे एक्सेस कंट्रोल के निर्माण और चार धाम के लिए सड़क बनाने का काम पूरा करना मेरी प्राथमिकता में है. इसके अलावा अन्य कई काम भी हैं जिन्हें मुझे पूरा करना है. मैं इन सभी कार्यों से बहुत खुश हूं और इन्हें पूरा करना मेरा पहला लक्ष्य है.
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पूर्वोत्तर के विकास और वहां चल रहे कार्यों के संबंध में गडकरी ने कहा कि पिछली सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों को नजर अंदाज करने का काम किया, यहां के विकास को उनके द्वारा नकारा गया, लेकिन हम लगातार पूर्वोत्तर राज्य के विकास के लिए हरसंभव कार्य करने में लगे हुए हैं. आगे उन्होंने बताया कि वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश में 4000 करोड़ रुपये का सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है, यहां सड़क नहीं होने की वजह से गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्या से लोगों को रु-ब-रु होना पड़ रहा है. एक बार सड़क का निर्माण हो गया तो यहां रोजगार का सृजन आसानी से होगा.
साक्षात्कार के दौरा गडकरी ने चुनाव पूर्व और चुनाव बाद पार्टियों के बीच होने वाले गठबंधन के संबंध में किये गये सवालों के जवाब भी दिये. उन्होंने कहा कि राजनीति समझौतों और सीमाओं का खेल है. जब किसी पार्टी को लगता है कि वह सामने वाली पार्टी को हराने में सक्षम नहीं, तो वे गठबंधन की राजनीति करते हैं. कोई भी गठबंधन खुशी से नहीं किया जाता, मजबूर होकर ऐसा करना पड़ता है. यह मोदी जी और भाजपा का खौफ है कि वे पार्टियां जो एक-दूसरे को नापंसद करती थीं, वे आज गले लगने को मजबूर हैं.
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भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा आपत्तिजनक/विवादित बयान को लेकर भी गडकरी ने खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि केवल पार्टी प्रवक्ता को पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से बात करने का जिम्मा दिया गया है, लेकिन पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं, वे जब मीडिया से बात करते हैं कोई न कोई विवाद खड़ने का काम करते हैं. किसी को भी ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए जिससे विवाद पैदा और पार्टी कि मुश्किलें बढ़े.