रायपुर : बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष, जनशक्ति के 30 वर्षों तक संपादक रहे दिग्गज पत्रकार यू एन मिश्र ( पूरा नाम उपेन्द्रनाथ मिश्र) का बुधवार सुबह लंबी बीमारी के बाद 84 वर्ष की अवस्था में छत्तीसगढ़ के एक अस्पताल में निधन हो गया.
स्वास्थ्य लाभ के लिए यूएन मिश्र सेल में कार्यरत पुत्र के साथ छत्तीसगढ़ में रह रहे थे. उनके शव को गुरुवार सुबह 11बजे तक पटना स्थित जनशक्ति परिसर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. 12 बजे दिन में गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
गौरतलब हो यूएन मिश्र बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र सरकार के द्वारा लाये गये प्रेस बिल के खिलाफ पत्रकारों को एकजुट किया था और ऐतिहासिक आन्दोलन का नेतृत्व किया था.
* जानें यूएन मिश्र को
वैशाली के कर्णपुरा ग्राम में 1934 में जन्में यू एन मिश्र ने बिहार सरकार के राजभाषा विभाग में 20वर्षों तक राजभाषा अधिकारी के रूप में काम किया. इसके बाद 1975 में त्यागपत्र देकर जनशक्ति में समाचार संपादक के रूप में पत्रकारिता की शुरुआत की.
1983से लगातार 30वर्षों तक जनशक्ति के संपादक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने जनपक्षीय पत्रकारिता के कई मिशाल कायम किये. उन्होंने नयी आर्थिक नीति, डंकल प्रस्ताव, हिन्दुत्व की असलियत, पूंजीवाद तबाही का खतरा सहित एक दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की.
बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के 2 बार अध्यक्ष चुने गये और उस दौर में उन्होंने बिहार के पत्रकारों को गरिमा प्रदान करने के लिए पत्रकारों के राष्ट्रव्यापी संघर्ष की अगुआई की थी.
जगन्नाथ मिश्र के द्वारा लाये गये प्रेस बिल के खिलाफ यूएन मिश्र ने आंदोलन का नेतृत्व किया. उनकी अगुआई में पटना में हजारों पत्रकार, सजग पाठकों ने प्रदर्शन किया था.
देश भर के हजारों पत्रकारों ने भी प्रेस बिल के खिलाफ बिहार के पत्रकारों के साथ दिल्ली में संसद का घेराव किया. विंदेश्वरी दुबे राज में जमशेदपर में मारे गये अंग्रेजी मीडिया के पत्रकार मोहम्मद इलियास और सिवान में यूएनआई के पत्रकार इन्द्रमणि सिंह की हत्या के खिलाफ यू एन मिश्र के नेतृत्व में पत्रकारों ने बड़ा आन्दोलन किया था.
मिश्र जी की पहल पर बिहार में बिहार पत्रकार कल्याण ट्रस्ट की स्थापना हुई थी, जिसके वे अध्यक्ष रहे. वे मानते थे कि बिहार में अगर प्रेस बिल लागू हो गया होता तो बिहार में पत्रकारिता में आम आदमी के आवाज की कोई जगह नहीं होती.
* यूएन मिश्र कोश्रद्धांजलि
बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन में मिश्र जी के साथ महासचिव के रूप में कार्यरत शिवेन्द्र नारायण सिंह ने दिग्गज पत्रकार के निधन पर गहरा शोक जताया और कहा, मिश्र जी का कार्यकाल बिहार में पत्रकारों के संघर्ष और आत्मगौरव का काल था.
यूनियन के अध्यक्ष रहे गौरी शंकर आचार्य के अनुसार बिहार के पत्रकारों के लिए वे सबसे बड़े गुरू थे. मिश्रा की वजह से पहली बार बिहार के पत्रकारों के पक्ष में प्रेस बिल के खिलाफ नेशनल कॉल हुआ था और तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक के पत्रकार भी बड़ी तादाद में संसद घेराव में दिल्ली पहुंचे थे.
बिहार सरकार के शिखर सम्मान से सम्मानित प्रसिद्ध आलोचक डॉ खगेंद्र ठाकुर ने उन्हें अपना अच्छा दोस्त, प्रतिबद्ध कम्युनिस्ट चिंतक के साथ-साथ बिहार में जन-पत्रकारिता की एक बड़ी आवाज बताया.
प्रस्तुति – पुष्पराज