शिरडी (महाराष्ट्र) : शिरडी साईंबाबा सनातन ट्रस्ट के नहरों को बनाने के लिए सरकार को ब्याज रहित 500 करोड़ रुपये का कर्ज देने के मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा नीत गठबंधन को मंदिर मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है.
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिरों से कर्ज लेना दर्शाता है कि राज्य सरकार का राजकोषीय दीवाला निकल गया है. राकांपा नेता ने शुक्रवार को बताया, सरकार का ट्रस्ट से 500 करोड़ रुपये का ऋण लेना दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि सरकार का दावा है कि उसके पास समृद्धि गलियारे एवं बुलेट ट्रेन परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धन है. हाल ही में ट्रस्ट और गोदावरी-मराठवाड़ा सिंचाई विकास निगम के मध्य 500 करोड़ रुपये बतौर बगैर सूदवाले कर्ज के लिए एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं. इस कर्ज से प्रवरा नदी पर निलवंडे बांध बनाया जायेगा और इससे नासिक में सिन्नर और अहमदनगर जिले में संगमनेर, अकोले, रहाता, राहुरी और कोपरगांव तहसील के 182 गांवों के लाभान्वित होने की उम्मीद है.
मुंडे ने दावा किया कि सरकार पहले ही ट्रस्ट के सात सौ करोड़ रुपये इस्तेमाल कर चुकी है. यह पैसा साईं भक्तों ने विभिन्न कामों के लिए दिया था. उन्होंने कहा, भक्तों के लिए विभिन्न सुविधाएं देने के लिए पैसों का इस्तेमाल करने की बजाय सरकार इनसे बांध संबंधी कामों को पूरा कर रही है, जबकि ट्रस्ट को आयकर चुकाने का नोटिस जारी हो चुका है. मुंडे ने दावा किया कि सिंचाई के काम के लिए राज्य सरकार के खजाने में 28 हजार करोड़ रुपये यूं ही पड़े हुए हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मंदिरों के खजानों को लूट रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस साईंबाबा मंदिर और शिरडी कस्बे के विकास के लिए 3200 करोड़ रुपये की राशि को मुहैया कराने में विफल रहे हैं. उन्हेांने कहा कि सरकार को मंदिर के मामले में हस्तक्षेप नहीं करके उसका कामकाज सुचारू रूप से चलने देना चाहिए. मुंडे ने कहा प्रधानमंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के बाद चमत्कार होने का वादा किया था, लेकिन कुछ हुआ नहीं.। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार साईंबाबा ट्रस्ट के सदस्यों की नियुक्ति में नियमों की अनदेखी कर रही है.