अमृतसर : अमृतसर के निरंकारी भवन में एक धार्मिक समागम में जुटे करीब 200 श्रद्धालुओं को उस वक्त अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा, जब वहां रविवार को मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने एक हथगोला फेंका . निरंकारियों पर हुए हमले के बाद घटना के दृश्य को याद करते हुए प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वे दहशत में और स्तब्ध हैं.
उन्होंने बताया कि अमृतसर के बाहरी इलाके में स्थित इस भवन में हथगोला फेंके जाने से पहले तक यह रविवार का एक आम समागम था. सिमरनजीत कौर ने परिसर के बाहर संवाददाताओं को बताया, ‘‘हर रविवार मैं भवन में सेवा करती हूं. मैं उस वक्त मंच के पास ड्यूटी पर थी जब मैंने एक युवक को कुछ फेंकते और भागते देखा. उसका चेहरा ढंका हुआ था.
वहां विस्फोट के बाद धुआं का गुबार छा गया. हर कोई अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था.” एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी बेटी प्रवेशद्वार पर तैनात थी, ‘‘उसने मुझे बताया कि दो लोग वहां आए और उस पर पिस्तौल तान दी जिससे वह डर गई.” भवन के अंदर मौजूद एक श्रद्धालु ने बताया, ‘‘मैंने विस्फोट के बाद घटनास्थल पर खून देखा. लेकिन मैंने हमलावरों को नहीं देखा.” गुरप्रीत सिंह नाम के एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि वह भवन के पास ही रहता है. उन्होंने बताया, ‘‘जब मैं वहां पहुंचा, मैंने देखा कि घायल लोगों को एंबुलेंसों में अस्पताल ले जाया गया.” डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने बताया कि यह हमला आतंकी हरकत प्रतीत होता है. इस हमले में तीन लोग मारे गए हैं जबकि 10 लोग घायल हो गए.
