नयी दिल्ली : राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने खराब एयर कंडीशनर (एसी) प्रणाली लगाने के एक मामले में दिल्ली में हिताची इंडिया की फ्रेंचाइजी को 5 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने को कहा है, जो राज्य उपभोक्ता मंच द्वारा तय मुआवजे के मुकाबले आधा है. वह एसी एक ट्रैवल कंपनी ने कार्यालय के लिए लिया था.
एनसीडीआरसी ने एमट्रैक्स हिताची एपलायंस लिमिटेड (अब जॉनसन के नियंत्रण वाली हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया लिमिटेड) को 5,40,000 रुपये स्टिक ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड को 45 दिनों के भीतर देने को कहा है. एनसीडीआरसी ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें एसी बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी को बतौर क्षतिपूर्ति 10 लाख रुपये देने का निर्देश दिया गया था.
पीठासीन सदस्य प्रेम नारायण ने कहा कि शिकायतकर्ता (स्टिक) निश्चित रूप से यह राशि मुआवजा के रूप में पाने की हकदार है, क्योंकि अतिरिक्त एसी लगाने के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी. एनसीडीआरआर ने कहा कि चूंकि हिताची ने खुद ट्रैवल कंपनी के कैंपस को अच्छी तरह से ठंडा रखने के लिए कई समाधान की पेशकश की, जिसमें अतिरिक्त स्प्लिट एसी लगाना शामिल है. यह बताता है कि उत्पाद में कुछ समस्या थी और कंपनी खुद उसमें सुधार के उपाय सुझा रही थी.
ट्रैवल कंपनी ने 2002 में 19,37,820 रुपये में एसी योजना खरीदा थी. इससे जुड़े कार्यों के लिए उसने 2,12,180 रुपये और दिये थे. एक साल बाद शिकायतकर्ता ने दावा किया कि एसी सही नहीं चल रहा है. उसने इस बारे में कंपनी को भी शिकायत की. हिताची की सलाह पर अतिरिक्त एसी लगाने के बाद भी हालत नहीं सुधरी.
हिताजी ने इसे स्वीकार भी किया था. उसके बाद शिकायकर्ता सेवा में कमी को लेकर दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग के पास गया, जिसने विनिर्माता कंपनी के खिलाफ 10 लाख रुपये के मुआवजे का आदेश दिया था.