नयी दिल्ली : केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) से एक आरटीआई आवेदक को स्पष्ट जवाब देने को कहा है जिसने प्रधानमंत्री कार्यालय से पूछा है कि स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस जिंदा हैं या नहीं.
अपने आवदेन में आवेदक अवधेश कुमार चतुर्वेदी ने यह भी जानना चाहा है कि क्यों प्रधानमंत्री ने 2015 और 2016 को बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी. संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने के बाद चतुर्वेदी आरटीआई मामलों में शीर्ष अपीलीय प्राधिकरण सीआईसी के पास पहुंचे. उन्होंने कहा कि उन्हें बोस के निधन के बारे में कोई प्रामाणिक सूचना नहीं मिली. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि इस आरटीआई आवेदन की विषय वस्तु संस्कृति मंत्रालय से संबद्ध है अतएव उसने इसे उसके पास भेज दिया.
मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर ने कहा, इसके अलावा, उन्होंने (प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय जन सूचना अधिकारी) ने बताया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी फाइलें गोपनीयता की श्रेणी से बाहर कर दी गयी हैं और रखने के लिए भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास भेज दी गयी हैं. माथुर ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के मुख्य जन सूचना अधिकारी को इस आदेश के 15 दिनों के अंदर इस आरटीआई आवेदन के अनुसार स्पष्ट जवाब देना चाहिए. बोस ने जापानी सेना की मदद से ब्रिटेन से लड़ने के लिए 1942 में आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी. 23 जनवरी को उनकी जयंती मनायी जाती है.