नयी दिल्ली : सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर वैचारिक और दार्शनिक रूप में अपने इस मंत्रालय को समाप्त करने के पक्ष में हैं. जावडेकर से यह पूछा गया था कि क्या भारत को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की आवश्यकता है, जबकि कई लोकतांत्रिक देशों में ऐसा कोई मंत्रालय नहीं है.
उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि आपने हमारे सामने अच्छी बात रखी है. लेकिन अंतत: जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अधिक प्रशासन और न्यूनतम सरकार की बात कहते हैं, तब आप न्यूनतम सरकार व अधिकतम प्रशासन के विचार में योगदान कर रहे हैं. इसी पर हमारा जोर है लेकिन इसे हासिल करने के लिए आपको प्रक्रिया का पालन करना होगा.
जावडेकर ने कहा कि वह चाहेंगे कि सरकार कम से कम हो और स्वतंत्रता तथा बाजार से जुड़ी ताकतों के साथ सामाजिक न्याय को अधिक से अधिक हासिल किया जाये. श्री जावडेकर ने शनिवार को मप्र से राज्यसभा के लिए अपना नामांकन पत्र भरा.